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12Th Fail Review: 12वीं फेल लड़के के IPS बनने की फिल्मी कहानी, Vikrant Messy और Medha Shankar की दमदार अदाकारी

12Th Fail Review: कहानी मनोज की है, जिसे विक्रांत मैसी ने निभाया नहीं बल्कि जिया है। मनोज जो शुरुआत में 12वीं फेल हैं और अंत में वह संघर्ष से अधिकारी बन जाते हैं।

Edited By : Nidhi Pal | Updated: Oct 26, 2023 15:25
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12Th Fail Review
image credit: social media

12Th Fail Review: 12वीं फेल एक रियल आईपीएस ऑफिसर की वह फिल्मी कहानी है, जिसे फिल्ममेकर विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म का रूप देकर सिनेमा को तोहफा दिया है। राइटर अनुराग पाठक की लिखी हुई आईपीएस मनोज शर्मा की बायोग्राफी में विक्रांत मैसी ने जमीनी हीरोगिरी दिखाई है। कहानी मनोज की है, जिसे विक्रांत मैसी ने निभाया नहीं बल्कि जिया है। मनोज जो शुरुआत में 12वीं फेल हैं और अंत में वह संघर्ष से अधिकारी बन जाते हैं। अब पहले और आखिरी सीन के बीच में है मनोज का संघर्ष जो कि मानसिक है, आर्थिक है और सामाजिक तो खैर है ही।

 

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कैसी है 12वीं फेल की कहानी

मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के एक गांव बिलग्राम में यह कहानी पनपती है। यहीं पर मनोज फेल होता है। सामूहिक नकल के भरोसे पास होने के फेरे में जहां पर शिक्षा के मामले में सरकारी सिस्टम तो पहले से ही फेल रहता है। परीक्षा केंद्र पर अचानक पड़ा छापा सब कुछ बदलकर रख देता है, गाइडें छीन ली जाती हैं, नकल की पर्चियां जब्त कर ली जाती हैं, यही पर मनोज के इंस्पिरेशन एसडीएम दुष्यंत सिंह का पहला एकतरफा परिचय होता है। मनोज अफसर के रौब और रुतबे से काफी प्रभावित होता है। कुछ समय बाद 12वीं का रिजल्ट आता है और मनोज यहां से 12वीं फेल का मानसिक भार ढोता है। सरकारी विभाग में नौकरीपेशा क्रांतिकारी और अपने उसूलों से किसी भी सूरत में समझौता न करने वाले पिता और घर तक सीमित हर हाल में घर को चलाने की क्षमता रखने वाली मां जो की रसोईव्यस्था से लेकर अर्थव्यस्था तक का जिम्मा उठा लेने का दम रखती हैं। पिता के रोल के साथ हरीश खन्ना ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है तो वहीं मां के किरदार में एक्ट्रेस गीता अग्रवाल आपको सिर्फ चूल्हा फूंकते हुए नहीं, बल्कि अपनी एक्टिंग से जान फूंकते हुए नजर आएंगी। इसके बीच कहानी में ट्विस्ट आता है और 12वीं फेल चम्बल का लड़का आईपीएस अफसर मनोज शर्मा बनने का सफर तय करता है।

मजबूत कास्टिंग

गांव से लेकर शहर जब कुछ असली दिखाया गया है, यानि की लोकेशन के लिए अच्छी-खासी मेहनत की गई है। यूपीएससी की परीक्षा के लिए रियल क्लासरूम बनाया गया है। सिनैमैटोग्राफी कमाल की है, कैमरा मूवमेंट सीन्स में चल रहे उथल-पुथल का एहसास कराता है। बैकग्रांउड म्यूजिक में अटल बिहारी की कविता और विक्रांत के चेहरे के हाव-भाव रोंगटे खड़े करते हैं। किताब से इस कहानी को स्क्रीन पर उतारने में न्याय किया गया है। किरदार कोई भी कास्टिंग मजबूत है।

क्यों देखें 12वीं फेल

संगीत के मामले में 12वीं फेल पास नहीं हो पाई है। एक खूबसूरत सी लव स्टोरी और प्रेरणा देने वाले इस सफर में संगीत की मुख्य भूमिका होनी चाहिए थी, लेकिन परिस्थिति के अनुसार म्यूजिक से आप रिलेट नहीं कर सकते हैं। फिल्ममेकिंग में गोल्डेन जुबली पूरी होने के करीब फिल्ममेकर विधु विनोद चोपड़ा के 45 साल सिनेमा को सेलिब्रेट करने के लिए बेहतरीन क्रिएशन है। भले ही यह स्टारडम वाले किसी बड़े स्टार की फिल्म नहीं है, जहां बेतुके डायलॅाग पर भी सीटियां बजें, लेकिन टीवी, ओटीटी लीड और फिल्मों में सोपर्टिंग रोल से बटोरे गए अनुभव वाले विक्रांत मैसी का डेडीकेशन है। स्टूडेंट से लेकर हर उम्र के लोगों को यह फिल्म एक बार जरुर देखनी चाहिए।

12वीं फेल को 3.5 स्टार।

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Written By

Nidhi Pal

First published on: Oct 26, 2023 03:25 PM
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