UPSC Topper IAS Officer Anu Kumari Success Story: सिविल सर्विसेज एग्जाम देना, UPSC क्रैक करके IAS अधिकारी बनना आज हर नौजवान का सपना होता है, लेकिन यह एग्जाम क्लीयर करना आसान नहीं है। इसके लिए कड़ी मेहनत, जोश और जुनून चाहिए। ऐसा जज्बा होना चाहिए कि चाहे कुछ हो जाए, एग्जाम पास करके प्रशासनिक अधिकारी बनना ही है। इस तरह का जुनून कभी एक लड़की ने दिखाया था, जो आज IAS ऑफिसर हैं और उनकी सफलता की कहानी कई युवाओं के आदर्श है, प्रेरणा है। आइए उस लड़की के बारे में जानते हैं और देखते हैं कि वह IAS ऑफिसर कैसे बनी?
अनु आजकल केरल में पोस्टिड हैं
अनु कुमारी ने साल 2017 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास की थी। हालांकि वे अपने पहले प्रयास में एक नंबर से IAS बनते-बनते रह गई थीं, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने देशभर में दूसरा स्थान हासिल किया। अनु इस समय केरल कैडर में हैं और केरल में ही पोस्टिड हैं। 18 नवंबर 1986 को जन्मीं अनु हरियाणा प्रदेश के सोनीपत जिले की रहने वाली हैं और जाट परिवार से हैं। पिता का नाम बलजीत सिंह, मां का नाम संतरो देवी है। अनु की एक छोटी बहन और 2 भाई हैं।
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नौकरी छोड़ UPSC क्रैक किया
अनु ने शुरुआती शिक्षा शिवा शिक्षा सदन सोनपत से पूरी की। दिल्ली यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में BSC (ऑनर्स) की। इसके बाद IMT नागपुर से फाइनेंस और मार्केटिंग में MBA की। इसके बाद अनु ने मुंबई में ICICI बैंक में नौकरी की, जहां लगभग 9 साल काम किया। 2012 में अनु का शादी बिजनेसमैन वरुण दहिया से हुई। शादी के बाद वह गुरुग्राम में रहीं। साल 2016 में नौकरी छोड़कर UPSC क्लीयर करने का फैसला लिया। करीब 10 साल बाद अनु ने एग्जाम की तैयारी शुरू की।
बेटे को मां-बाप के पास छोड़ा
2016 में ही अनु ने पहली बार UPSC एग्जाम दिया। उस समय फॉर्म बड़े भाई ने बिना बताए भर दिया था। उन दिनों अनु का बेटा सिर्फ 4 साल का था, लेकिन अनु ने 2017 में फिर से एग्जाम देने का फैसला लिया। इसके लिए अनु ने अपने बेटे को मां-बाप के पास भेज दिया। खुद मौसी के यहां चली गई, जहां करीब डेढ़ साल जी तोड़ मेहनत की। UPSC क्लीयर करने का जुनून ऐसा था कि वह अपनी ममता को भूल गई थी। वे एग्जाम पास करने की ठान चुकी थी, क्योंकि इससे उनका और बेटे का भविष्य संवरता।
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कोचिंग नहीं ली, टॉपिक बना प्रैक्टिस की
UPSC क्रैक करने के बाद पहले इंटरव्यू में अनु ने बताया कि नौकरी में पैकेज अच्छा था, लेकिन लोगों के लिए कुछ करना चाहती थी, इसलिए प्रशासनिक सेवा में आने का फैसला लिया। कोई कोचिंग नहीं ली। खुद पढ़ाई करके मुकाम हासिल किया। लक्ष्य का पीछा करना नहीं छोड़ा। काफी हद तक सेल्फ स्टडी की। BSC की थी तो कई सब्जेक्ट की नॉलेज थी। स्पेशल टॉपिक बनाकर अभ्यास किया। ऑनलाइन स्टडी भी की। नोट्स बनाए, इसलिए रिवीजन में भी मुश्किल नहीं हुई और टारगेट अचीव हो गया।
अनु से इंटरव्यू में पूछे गए थे यह सवाल
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