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Union Budget 2025: इनकम टैक्स पर राहत देना सरकार के लिए क्यों है मुश्किल?

Union Budget 2025 Expectations: आम जनता चाहती है कि सरकार इनकम टैक्स के मोर्चे पर उसे बड़ी राहत दे, लेकिन सरकार की भी अपनी कुछ मजबूरियां हैं।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Jan 28, 2025 14:59
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Income Tax
आम बजट 2025 (File Photo)

Personal Income Tax: क्या 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में इनकम टैक्स में कटौती होगी? यह आज के समय में सबसे बड़ा सवाल है। माना जा रहा है कि वित्त मंत्री टैक्स के मोर्चे पर कुछ राहत दे सकती हैं, लेकिन असल तस्वीर बजट वाले दिन ही साफ हो पाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार सबसे पहले 2014 में सत्ता में आई थी। तब से लेकर अब तक सरकार ने पर्सनल इनकम टैक्स कानूनों में कोई खास बड़ा बदलाव नहीं किया है।

सरकार को राजस्व की चिंता

केंद्र सरकार ने एक नई और सरल टैक्स रिजीम जरूर शुरू की है, जिससे टैक्सपेयर्स को कुछ फायदा हुआ है। लेकिन पर्सनल टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत न मिलने से लोगों में निराशा भी रही है। दरअसल, व्यक्तिगत आयकर सरकार को महत्वपूर्ण और स्थिर राजस्व प्रदान करता है। कॉर्पोरेशन के प्रॉफिट पर लगने वाले टैक्स से सरकार का खजाना भरता है। दूसरी तरफ, टैक्स रिबेट, डिडक्शन आदि से सरकार को रेवेन्यू का नुकसान होता है। इसलिए सरकार पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती से बचने की कोशिश करती है।

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क्या मिलनी चाहिए रियायत?

टैक्स के मोर्चे पर राहत न मिलने पर आम आदमी सरकार को कंजूस कह सकता है, लेकिन सरकार को अपना खजाना भी देखना है। अब ऐसे में यह सवाल लाजमी बन जाता है कि क्या सरकार को आम जनता को टैक्स में अतिरिक्त रियायतें देनी चाहिए? यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आम आदमी किसे माना जाए। आदर्श रूप से, 10-12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाला व्यक्ति इस परिभाषा में फिट बैठता है।

यह भी पढ़ें – Union Budget 2025: क्या NPS Taxation को लेकर कोई घोषणा कर सकती हैं वित्त मंत्री?

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एसोचैम की नेशनल काउंसिल ऑन डायरेक्ट टैक्स के सलाहकार राहुल गर्ग का कहना है कि अगर आम आदमी आयकर के कारण तनाव में है तो आयकर दरों में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने बताया कि नई कर व्यवस्था को चुनने वाले वेतनभोगियों के लिए पिछले बजट में घोषित अतिरिक्त छूट ने 7 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त बना दिया है। अनिवार्य रूप से, टैक्स पिरामिड के निचले हिस्से में रहने वालों को राहत मिली है।

लोगों पर होता है खर्चा

सरकार कर राजस्व का उपयोग नागरिकों को बुनियादी ढांचे और रियायती भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के रूप में विभिन्न लाभ प्रदान करने के लिए करती है। टैक्स रेवेन्यू का उपयोग समाज के गरीब वर्गों के लिए संसाधनों के पुनर्वितरण के लिए भी किया जाता है। राहुल गर्ग का कहना है कि नागरिकों को मिलने वाले लाभ सभी करदाताओं द्वारा चुकाए गए संचयी आयकर से कहीं अधिक हैं। यदि रिसाव को रोका जाए तो लाभों का प्रवाह अधिक प्रभावी हो सकता है।

यहां से आता है पैसा

सरकार को समाज में असमानता को कम करने, विभिन्न सामाजिक सेवाएं प्रदान करने और बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए संसाधनों को रीडिस्ट्रीब्यूट करना होता है। आयकर राजस्व इन खर्चों के लिए संसाधनों के महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक है और इसका अधिकांश हिस्सा 10 लाख से अधिक कमाने वालों द्वारा भुगतान किया जाता है। इसके चलते सरकार आयकर में कटौती से जुड़ी बड़ी घोषणाओं से हिचकती है।

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News24 हिंदी

First published on: Jan 28, 2025 02:57 PM

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