Union Budget 2023: केंद्र सरकार देश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए हाइड्रोजन ट्रेन (Hydrogen Train) चलाने जा रही है। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर 2023 तक आएगी और इसे भारत में डिजाइन और निर्मित किया जाएगा। पहले यह कालका-शिमला जैसे हेरिटेज सर्किट पर चलेगी और बाद में इसका विस्तार अन्य स्थानों पर किया जाएगा।’
आइए जानते हैं कि हाइड्रोजन ट्रेन क्या है? किन देशों में चल रही है? इसके निर्माण पर कितना खर्च आएगा? लेकिन उससे पहले आम बजट में रेलवे को क्या मिला? यह समझते हैं…
रेलवे को मिला 2.41 लाख करोड़ रुपए का पैकेज
बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट (Union Budget 2023) पेश किया। इसमें उन्होंने रेलवे को अब तक सबसे बड़ा बजट 2.41 लाख करोड़ रुपए आवंटित किया है। इसके जरिए हाइड्रोजन ट्रेन, वंदे भारत ट्रेन के निर्माण और बुनियादी सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की जाएगी।
बजट पर रेल मंत्री ने कहा, ‘यह एक बड़ा बदलाव है और यह यात्रियों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1275 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन को नया रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अब ICF चेन्नई के अलावा, वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण हरियाणा के सोनीपत और महाराष्ट्र के लातूर में किया जाएगा और यह पीएम मोदी के हर कोने को वंदे भारत ट्रेनों से जोड़ने के सपने को पूरा करेगी।’
इन रूट्स पर चलेगी ट्रेन
- माथेरान हिल
- दार्जिलिंग हिमालयन
- कालका शिमला
- कांगड़ा घाटी
- बिलमोरा वघई
- महू पातालपानी
- नीलगिरी माउंटेन रेलवे
- मारवाड़-देवगढ़ मड़रिया
इको फ्रेंडली है हाइड्रोजन ट्रेन
जैसा कि नाम से स्पष्ट है कि हाइड्रोजन ट्रेन के संचालन में हाइड्रोजन ईंधन का इस्तेमाल होगा। यह बिजली और कोयले से ज्यादा सस्ता है और इसका पर्यावरण पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता है। यह प्रदूषण मुक्त और इको फ्रेंडली है।
फ्यूल सेल हाइड्रोजन को बना देता है भाप और पानी
हाइड्रोजन ट्रेन की टॉप स्पीड 140 किमी प्रति घंटे हैं। एक बार ईंधन भराने के बाद यह ट्रेन एक हजार किमी तक दौड़ सकती है। इसमें फ्यूल सेल लगा होता है, जो हाइड्रोजन को ऑक्सीजन से मिलाकर उर्जा पैदा करता है। उत्सर्जन सिर्फ पानी और भाप का होता है, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
चीन और जर्मनी में चल रही हाइड्रोजन ट्रेन
हाइड्रोजन ट्रेन पड़ोसी देश चीन में चल रही है। इसके अलावा जर्मनी में भी इसका संचालन हो रहा है। वहां इसके निर्माण पर 86 मिलियन डॉलर खर्च किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हाइड्रोजन ट्रेन 1950 और 1960 दशक के ट्रेनों को रीप्लेस करेंगी।
टॉयलेट मेकओवर का VIDEO का किया शेयर
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को ट्रेन के टॉयलेट मेकओवर का वीडियो ट्वीटर पर पोस्ट किया है। वीडियो में वे टॉयलेट की बेहतरीन सुविधाओं का जायजा लेते दिख रहे हैं। हालांकि उनके इस पोस्ट पर लोग टॉयलेट के रखरखाव की चिंता जता रहे हैं।
Inspected the new upgraded toilet designs for existing coaches. pic.twitter.com/2v426YZiEy
— Ashwini Vaishnaw (मोदी का परिवार) (@AshwiniVaishnaw) January 31, 2023
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