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Success Story: बकरी चराने वाले ने कैसे क्लीयर की देश की सबसे कठिन परीक्षा, संघर्ष भरा रहा सफर

Success Story: बकरी चराकर अपनी पालन पोषण करने वाले विशाल कुमार ने भारत की सबसे कठिन परीक्षा UPSC क्लीयर कर ली। यहां हम विशाल की जर्नी के बारे में जानेंगे।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Oct 17, 2024 16:45
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Vishal Kumar UPSC
Vishal Kumar UPSC

Success Story: जब हम किसी कठिन परीक्षा की बात करते हैं तो सबसे पहले UPSC का नाम आता है। इसे क्लीयर करना इतना आसान नहीं है। कई बार लोगों को इस परीक्षा को क्लीयर करने में कई साल लग जाते हैं। महीनों या यू कहें की सालों की मेहनत के बाद लोग इन परीक्षा को पास कर पाते हैं। ऐसे में एक ऐसी कहानी भी है, जो लोगों को बहुत प्रेरित करती है। हम विशाल कुमार की बात कर रहे हैं, जिन्होंने अपने गुरु के मार्गदर्शन से UPSC की परीक्षा क्लीयर कर ली।

बता दें कि विशाल बकरी पालन का काम करते थे और आर्थिक रूप से बहुत कमजोर थे। ऐसे में विशाल को मेहनत के साथ-साथ बहुत सी फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स का सामना कर पड़ा था। यहां हम विशाल की सक्सेस स्टोरी और उनके संघर्ष के बारे में विस्तार से जानेंगे।

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पशुपालन से होता था गुजारा

जैसा कि हम जानते हैं कि UPSC की परीक्षा पास करने वाले लोग बहुत मेहनत करते हैं। विशाल भी उनमें से एक थे लेकिन उनकी गरीबी ने उनके इस सपने को लगभग तोड़ दिया, क्योंकि परीक्षा की तैयारी से जरूरी था कि वह अपना और परिवार का पालन कर सकें। विशाल के पिता एक मजदूर थे और घर में कमाने वाले इकलौते इंसान थे, मगर विशाल जब नौवीं कक्षा में थे तो उनके पिता की मृत्यु हो गई।

2008 में पिता को खोने के बाद घर की सारी जिम्मेदारी विशाल की मां पर आ गई, जिसके चलते उन्होंने बकरियां और भैंस का पालन शुरू कर दिया, हालांकि इससे इनका गुजारा होना काफी मुश्किल हो गया था। दो टाइम का खाना भी परिवार के लिए मुश्किल हो गया था। ऐस में खराब आर्थिक स्थिति ने विशाल की सभी उम्मीदों को तोड़ दिया। सबसे बड़ा होने के कारण तीन भाई-बहनों और मां की जिम्मेदारी आ गई।

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टीचर ने किया मार्गदर्शन

पिता का सपना था कि विशाल अपनी पढ़ाई पूरी करके अपने जीवन को बेहतर बनाए। मगर आर्थिक कमजोरी और शिक्षा पूरी करने में हो रही समस्या ने इस सपने को लगभग तोड़ दिया था। ऐसे में ‘डूबते को तिनके का सहारा’ मिला। विशाल के टीचर गौरीशंकर प्रसाद एक मार्गदर्शक के रूप में सामने आए। इन्होंने न केवल विशाल की पढ़ाई में मदद की, बल्कि ट्यूशन फीस भी भरी ताकि विशाल अपना सपना पूरा कर सके।

ias vishal kumar

vishal kumar

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इंटरमीडिएट में टॉप किया जिला

विशाल की मेहनत किसी से छुपी नहीं थी, जिसका असर 2011 की बारहवीं की परीक्षा के रिजल्ट के समय दिखाई दिया। विशाल ने इंटरमीडिएट परीक्षा में पूरे जिले में टॉप किया। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाने के लिए IIT-JEE परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। इसके लिए उन्होंने सुपर 30 कोचिंग प्रोग्राम में हिस्सा लिया, जिसे आनंद कुमार और बिहार के डीजीपी अभयानंद  ने 2007 में शुरू किया था। इस तैयारी के साथ विशाल ने 7000 की रैंक हासिल कर 2013 में IIT कानपुर में एडमिशन लिया।
ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद विशाल को एक अच्छी नौकरी मिली, जिससे उनके परिवार की स्थिति में सुधार हो गया।

शिक्षक से UPSC का सफर

विशाल के पास एक अच्छी नौकरी थी , लेकिन अब वह इससे ऊब गए थे। इसके बाद उन्होंने कोटा के एक इंस्टीट्यूट में टीचर की तौर पर अपना नया सफर शुरू किया। यहां  विशाल का झुकाव UPSC की तरफ बढ़ गया और उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी। 2020 में विशाल ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी। इसमें विशाल ने प्री एग्जाम तो क्लीयर कर लिया, लेकिन मैन एग्जाम में पास नहीं हो पाए।  इससे  विशाल को बहुत निराशा हुई।

ऐसे में गौरीशंकर प्रसाद ने एक बार फिर उनको रास्ता दिखाया और उनसे टीचर की नौकरी छोड़कर तैयारी करने को कहा।  2021 में कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने परीक्षा पास कर ली और 484 ऑल इंडिया रैंक हासिल की। विशाल के इस खास सफर ने कई युवाओं को प्रेरित किया है।

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News24 हिंदी

First published on: Oct 17, 2024 04:45 PM

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