Ritesh Agarwal Success Story: ओयो होटल्स के फाउंडर रितेश अग्रवाल भारत ही नहीं दुनिया भर के उभरते हुए बिजनेस मैन में से एक हैं। रितेश अग्रवाल 40 साल से कम उम्र के सबसे अमीर सेल्फ-मेड बिलेनियर भारतीय हैं। रितेश अग्रवाल, साल 2020 में दुनिया के सबसे कम उम्र के अरबपतियों की लिस्ट में काइली जेनर के बाद दूसरे नंबर पर रहे।
भारत के जेरोधा के को-फाउंडर नितिन और निखिल कामथ, दो सबसे नए सेल्फ-मेड अरबपति हैं, जिनकी भी उम्र 30 साल है। बायजस की रवींद्रन फैमिली (11,523 करोड़) और फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्सल (8,231 करोड़) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
लगन, मेहनत और बुद्धि के बल पर पाया मुकाम
रितेश अग्रवाल अपनी लगन, मेहनत और बुद्धि के बल पर उन्होंने (Ritesh Agarwal Success Story) ओयो होटल्स (OYO Hotels) को हॉस्पिटैलिटी की दुनिया को अलग मुकाम पर पहुंचा दिया है। आलम यह है कि ओयो होटल्स भारत का सबसे बड़ा होटल नेटवर्क बन गया है। इतना ही नहीं ओयो ने पिछले दिनों चीन की दूसरी सबसे बड़ी होटल चेन को भी पीछे छोड़ दिया। भारत का सबसे बड़ा होटल नेटवर्क, ओयो होटल्स (2013 में सॉफ्टबैंक द्वारा समर्थित कंपनी) का मूल्य 82,307 करोड़ रुपये है।
13 साल की उम्र में सड़कों पर बेचते थे सिम कार्ड
ओडिशा के रायगढ़ जिले के एक कस्बे के रहने वाले रितेश अग्रवाल (Ritesh Agarwal Success Story) की सफलता की कहनी कुछ हटकर है। आमतौर जिस उम्र में युवा नौकरी ढूढ़ते हैं या फिर प्लेसमेंट के बारे में सोचते हैं, उस उम्र में रितेश अग्रवाल ने ओयो होटल्स लॉन्च कर दिया। छोटी सी शुरुआत से लेकर 16,462 करोड़ रुपये की संपत्ति तक पहुंचना, रितेश की संकल्प और परिश्रम का ही उदाहरण। रितेश अग्रवाल ने महज 13 साल की उम्र में सिम कार्ड बेचकर अपने कमर्शियल करियर की शुरुआत की।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी
राजस्थान के कोटा में सेंट जॉन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से ग्रेजुएशन करने के बाद, अग्रवाल अपनी एजुकेशन को जारी रखने के लिए दिल्ली चले आए। रितेश आईआईटी-जेईई प्रवेश परीक्षा में सफलता मिली, लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला लिया।
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थिएल फेलोशिप के लिए भी चुने गए
इस बीच 19 वर्ष की उम्र में उन्हें (Ritesh Agarwal Success Story) सम्मानित थिएल फेलोशिप के लिए चुना गया, जो कि पीटर थिएल द्वारा 2013 में शुरू की गई थी। अपने विचारों को इम्पलीमेंट करने के लिए उन्हें $100,000 (करीब 82 लाख रुपये) की फेलोशिप दी गई। उन्होंने सितंबर 2012 में Oravel Stays लॉन्च करके इसका फायदा उठाया। यह एक ऐसी वेबसाइट थी, जो कम लागत वाली हाउसिंग में स्पेशलाइज्ड थी।
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2013 में OYO रूम्स की शुरुआत
Oravel Stays की सफलता से प्रभावित होकर रितेश अग्रवाल ने 2013 में OYO रूम्स (OYO Hotels) की शुरुआत की और देखते ही देखते यह देशभर में सस्ते होटल रूम उपलब्ध कराने वाली यह अग्रणी होटल चेन बन गई है। अपनी क्रिएटिविटी और मेहनत के बल पर सितंबर 2018 तक उन्होंने ओयो के लिए 8,000 करोड़ रुपये जुटा लिए। उनकी दूरदर्शिता की बदौलत ओयो रूम्स देश का सबसे बड़ा होटल नेटवर्क बन गया।
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भारत ही नहीं दुनियाभर में खुले OYO रूम्स के चेन
ओयो रूम्स ने देश ही नहीं, बल्कि विदेश में भी सफलता की कहानी गढ़ रही है। 2016 में ओयो रूम्स के होटल चेन की संख्या 10 लाख के पार पहुंच गई। इसके बाद ओयो ने पहले मलेशिया और फिर नेपाल में अपने ऑपरेशन शुरू किया। कंपनी ने 2018 में यूके, यूएई, दुबई, चीन, सिंगापुर और इंडोनेशिया में भी अपना बिजनेस शुरू किया। इसके बाद इसे यूनिकॉर्न का दर्जा मिल गया।