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क्या रिलायंस के स्टोर में सस्ती मिलेंगी दालें? केंद्र सरकार की Reliance कंपनी से खास अपील, जानें क्या है मामला?

Pulses Rates And Inflation: देश में दालें काफी महंगी हैं, इसलिए केंद्रीय मंत्रालय ने रिलायंस कंपनी से अपने स्टोर में दालें सस्ती करने को कहा है। हालांकि अभी कंपनी ने इस पर अमल नहीं किया है, लेकिन सरकार ने ऐसा होने से देशभर में दालें सस्ती होने की संभावना जताई है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Oct 17, 2024 13:06
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Pulses Prices Hike
देश में दालें इस वक्त काफी महंगी हैं।

Pulses Rates May Decrease in Stores: देश में दालें महंगी होती जा रही हैं, लेकिन उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्रालय ने भारत की सबसे बड़ी खुदरा विक्रेता कंपनी रिलायंस रिटेल से कीमतों में कटौती करने को कहा है। हालांकि पिछले आदेशों के बावजूद कंपनी के स्टोर्स में दालों की मौजूदा कीमतें ऊंची बनी हुई हैं, जिससे सप्लाई और प्रोडक्शन में परेशानियां आ रही हैं। ऐसे में त्योहारी सीजन में लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ा रहा है।

दालों की थोक और खुदरा कीमतों के बीच बढ़ते अंतर से लाभ कमाने के मद्देनजर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने रिलायंस रिटेल से कीमतें और लाभ मार्जिन दोनों कम करने को कहा है। मंत्रालय का मानना है कि जब राजस्व की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा खुदरा विक्रेता महंगाई कम करने के तरीकों पर अमल करेगा तो खुदरा विक्रेता भी इसका अनुसरण करेंगे। इससे पूरे देश में दालों की कीमतों पर असर पड़ेगा।

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वर्तमान में दालों की खुदरा और थोक कीमतें

उपभोक्ता मामलों के विभाग (DOCA) के आंकड़ों के अनुसार, दालों की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। 7 अक्टूबर को तुअर की दाल की औसत खुदरा कीमत 163.31 रुपये प्रति किलोग्राम है। उड़द की दाल का रेट 124.79 रुपये प्रति किलोग्राम, चना दाल का रेट 94.32 प्रति किलोग्राम था। 14 अक्टूबर तक तुअर की खुदरा कीमत मामूली रूप से घटकर 163.02 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जबकि उड़द की दाल की कीमत बढ़कर 125.07 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। चना दाल की कीमत बढ़कर 94.56 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। 14 अक्टूबर तक चना दाल की थोक कीमत 8740.78 रुपये प्रति क्विंटल, तुअर दाल की कीमत 15333.41 रुपये प्रति क्विंटल और उड़द की दाल की कीमत 11517.26 प्रति क्विंटल थी।

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दालों की खाद्य मुद्रास्फीति में महत्वपूर्ण भूमिका

बता दें कि दालें भारत की खाद्य मुद्रास्फीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि दालें मुख्य खाद्य पदार्थ और प्रोटीन का प्रमुख स्रोत हैं। मांग-आपूर्ति में अंतर, मौसमी उत्पादन संबंधी समस्याओं, आयात पर अत्यधिक निर्भरता और बढ़ती इनपुट लागत ने दालों पर मुद्रास्फीति संबंधी दबाव बढ़ाया है। क्योंकि 4000 हजार से ज्यादा रिलायंस के स्टोर खुले हैं, इसलिए कंपनी को दालों की कीमतें कम करने के लिए सरकार ने कहा है। एक बार यह कंपनी दालों की खुदरा कीमतें कम कर देगी तो अन्य कंपनियों भी ऐसा करेंगी। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सब्जियों और दालों की बढ़ती कीमतों के कारण सितंबर में घर में पकाई गई शाकाहारी थाली की लागत में पिछले साल की तुलना में 11% की वृद्धि हुई। दालों की कीमतें, जो शाकाहारी थाली की लागत का 9% हिस्सा होती हैं, 2023 में उत्पादन में गिरावट के कारण 14% बढ़ गईं।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Oct 17, 2024 12:51 PM

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