---विज्ञापन---

नौकरी दिलाने में IIM जैसे बड़े संस्थानों को भी आ रही दिक्कत, आखिर क्या है इसकी वजह?

Placement in IIM: आईआईएम जैसे संस्थानों में भी नौकरी पाने के लिए छात्रों को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जॉब आफर और सैलरी दोनों में कमी आ रही है।

Edited By : Shubham Singh | Updated: Jan 19, 2024 15:31
Share :
IIM Placement
आईआईएम में प्लेसमेंट

Placement in IIM is challenge for students to get jobs in companies: जहां एक तरफ कई बड़ी कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं या करने वाली हैं तो वहीं देश के नामी संस्थानों में भी नौकरियां पाने के लिए छात्रों को काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। सवाल है कि जब बड़े संस्थानों का यह हाल है तो छोटे संस्थानों का क्या हाल होगा। कई बड़े संस्थान छात्रों को उनके मन के मुताबिक नौकरियां नहीं दिला पा रहे हैं। कई आईआईएम में इस समय प्लेसमेंट चल रहे हैं तो कुछ में जल्द ही शुरू होने वाले हैं। यहां तक कि आईआईएम जैसे संस्थानों में भी नौकरी को लेकर छात्रों के सामने कई चुनौतियां हैं। छात्र-छात्राओं को या तो मनचाही कंपनी नहीं मिल रही है या मनचाहा सैलरी पैकेज नहीं मिल रहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक आईआईएम के लिए प्लेसमेंट सीजन अब तक का सबसे कठिन सीजन साबित हो रहा है। वैश्विक आर्थिक मंदी और कोविड के बाद नौकरी में उछाल को इसकी वजह बताया गया है। रिपोर्ट में अधिकारियों और छात्रों के हवाले से बताया गया है कि यह प्लेसमेंट सीजन अहमदाबाद, बैंगलोर, कोलकाता, लखनऊ, इंदौर और कोझिकोड जैसे शीर्ष आईआईएम के लिए अब तक का सबसे कठिन सीजन साबित हो रहा है।

ये भी पढ़ें-Gujarat Boat Tragedy: 17 साल मिन्नतें मांगने पर मिली थी संतान, नाव हादसे में कपल के दोनों बच्चों की मौत

क्या कहा संस्थान के अधिकारियों ने

आईआईएम कोझिकोड के निदेशक देबाशीष चटर्जी ने कहा कि मंदी हर किसी को प्रभावित करेगी। उनके मुताबिक चुनौतीपूर्ण समय के दौरान कंपनियां स्थापित संस्थानों पर भरोसा करती हैं। चटर्जी ने कहा कि हालांकि वे हर किसी को नौकरी देने के बारे में चिंतित नहीं हैं, लेकिन कुछ लोगों को उनकी इच्छा के मुताबिक नौकरियां नहीं मिल पाती हैं।

वहीं आईआईएम अहमदाबाद में प्लेसमेंट के चेयरपर्सन अंकुर सिन्हा ने भी इस साल के छात्रों की नौकरी के लिए चुनौती भरा रहने की बात स्वीकार की है। उन्होंने अनुमान जताया है कि बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी के प्रस्तवा में 10-15 प्रतिशत की कमी आएगी। उन्होंने भर्ती करने वालों के साथ लंबे समय तक संबंध बनाए रखने वाले वाले शैक्षणिक संस्थानों के महत्व पर जोर दिया। साथ ही कई कंपनियों के साथ जुड़कर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की उनकी क्षमता पर भरोसा जताया।

ये भी पढ़ें-Ram Mandir: कौन हैं अयोध्या के सूर्यवंशी ठाकुर और क्या है उनके पूर्वजों की 500 साल पुरानी प्रतिज्ञा

First published on: Jan 19, 2024 03:16 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें