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‘भारत में सबसे बेहतर इंजीनियर और मैनपावर…’, NSE के एमडी आशीष चौहान बोले- ट्रांसपेरेंसी से बढ़ा स्टॉक मार्केट में निवेश

एक पॉडकास्ट में आज भारत की तकनीकी और आर्थिक प्रगति पर गहन चर्चा देखने को मिली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(NSE) के एमडी आशीष चौहान ने भारत की आर्थिक वृद्धि, टेक्नोलॉजी की भूमिका और एनएसई के योगदान पर विस्तृत चर्चा की।

Author Edited By : Vijay Updated: May 30, 2025 19:41
ashish kumar chauhan
NSE के एमडी आशीष कुमार चौहान।

नई दिल्ली: एनएसई के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि भारत दुनिया की आईटी राजधानी के रूप में उभरा है और इसकी विकास की कहानी तकनीक से प्रेरित है। भारत में दो से तीन करोड़ आईटी नौकरियां हैं। तीन हजार से अधिक अंतरराष्ट्रीय आईटी कंपनियों ने भारत में अपने बेस स्थापित किए हैं। चौहान कैलाशनाथ अधिकारी के साथ एक पॉडकास्ट में थे।

टेक्नोलॉजी हमारा ईंधन और भारत दुनिया की आईटी राजधानी

एमडी चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि एनएसई ने 1994 में आईटी बूम के समय एनएसई ने उपग्रह के माध्यम से व्यापार को सक्षम करने वाला भारत का पहला डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा स्थापित किया। वह आईटी की शुरुआत का समय था, जब भारत ने एक बड़ी छलांग लगाई। आज तकनीक हमारा ईंधन है और भारत दुनिया की आईटी राजधानी है। तकनीक ने दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव और परिवर्तन लाया है। भारत दुनिया का आईटी क्षमता केंद्र है, जहां 2000-3000 वैश्विक आईटी कंपनियां अपना आधार रखती हैं। उन्होंने कहा कि टीसीएस जैसी भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों में आज 7 लाख से अधिक कर्मचारी हैं, जबकि इंफोसिस में 5 लाख से अधिक कर्मचारी हैं।

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भारत के विकास में टेक्नोलॉजी की बड़ी भूमिका

भारत के विकास में टेक्नोलॉजी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। एक समाज जो आईटी को अपनाएगा वह प्रगति करेगा। अब जब आईफोन भारत में बनने जा रहे हैं तो सर्वर और इलेक्ट्रॉनिक चिप्स भी भारत में ही बनेंगे। चाहे माइक्रोसॉफ्ट हो या गूगल, वे अपना एआई काम हमारे लोगों से करवाते हैं। माइक्रोसॉफ्ट के 80% विंडोज पार्ट्स भारत में बनते हैं। हमारे पास सबसे अच्छे और सबसे सक्षम इंजीनियर और मैनपावर हैं और हम किफायती दरों पर बेहतरीन तरीके से सेवाएं देते हैं। आज हमारे पास अच्छी सड़कें और लॉजिस्टिक्स हैं। उन्होंने तकनीक के आने वाले युग को ‘पूंजी के बिना पूंजीवाद’ करार दिया।

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10 लाख निवेशक आज 11 करोड़ तक पहुंचे

एनएसई द्वारा एसएमई एक्सचेंज शुरू करने और भविष्य में इसकी भूमिका पर एक सवाल का जवाब देते हुए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व एमडी और सीईओ रह चुके चौहान ने कहा कि 1994 में भारत में 10 लाख से अधिक निवेशक नहीं थे, आज हमारे पास लद्दाख से अंडमान और निकोबार, अरुणाचल प्रदेश से डिब्रूगढ़, जोरहाट से द्वारका तक 11 करोड़ निवेशक हैं। भारत में 19,400 पिन कोड में से केवल 28 में निवेशक नहीं हैं। भारत के उद्यमी एनएसई का भरोसा और ताकत हैं। 25% निवेशक महिलाएं हैं और आज हर पांच घरों में से एक (11 करोड़ लोग) एनएसई के माध्यम से निवेश कर रहे हैं।

निवेशकों का दिल जीत चुकीं 600 कंपनियां

एमडी चौहान ने आगे कहा कि कोई भी व्यवसायी, उद्यमी या उद्योगपति जो आगे बढ़ना चाहता है, वह एनएसई में आ सकता है और बड़ी या छोटी कंपनियों में अपने साझेदार ढूंढ सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में पूंजी जुटाने वाली 600 कंपनियां अब मुख्य बोर्ड में प्रवेश कर चुकी हैं। निवेशकों का विश्वास जीत चुकी हैं। बाजार व्यवस्था में पारदर्शिता लाते हैं और कीटाणुनाशक की तरह काम करते हैं।

ट्रांसपेरेंसी के कारण स्टॉक मार्केट में बढ़ा निवेश

एमडी चौहान ने कहा- 1994 में स्टॉक मार्केट की 4 लाख करोड़ रुपये की शेयर बाजार पूंजी आज 440 लाख करोड़ रुपये हो गई है, क्योंकि ट्रांसपेरेंसी है। कम प्रति व्यक्ति आय वाले देश में ऐसा कभी नहीं होता और भारत इस मामले में अलग है। यह निवेशकों के बाजारों की पारदर्शिता में भरोसे के कारण संभव हुआ है। एनएसई को रोजाना छह घंटे के भीतर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर मिलते हैं। 100 माइक्रोसेकंड के भीतर हम प्रतिक्रिया देते हैं और कारोबार किए गए शेयर अगले ही दिन निवेशकों के खातों में दिखाई देते हैं। लोग पैसा निवेश इसलिए कर रहे हैं क्योंकि ट्रांसपेरेंसी के साथ काम हो रहा है।

First published on: May 30, 2025 07:41 PM

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