New Income Tax Rules From 1 April: आज यानी 1 अप्रैल को नया वित्त वर्ष यानी न्यू फाइनेंशियल ईयर शुरू होने जा रहा है। इस महीने से ही लोग अपनी टैक्स सेविंग से लेकर न्यू इन्वेस्टमेंट प्लानिंग तक करने का प्लान बनाने लगते हैं। अगर आप भी पर्सनल फाइनेंस की प्लानिंग करने की सोच रहे हैं, तो नए नियमों और बदलावों के बारे में जरूर जान लें। इसके साथ-साथ आपकी बचत पर इससे क्या पड़ेगा असर?
आपको बता दें कि इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत का अंतरिम बजट पेश किया था। हालांकि, अभी फुल बजट आना बाकी है, जो चुनाव के बाद जुलाई में पेश होगा। आज यानी 1 अप्रैल से नए नियम आ रहे हैं या ये कहें कि नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं।
1. 50,000 की एक्स्ट्रा छूट
अगर आप वित्त वर्ष 2024-25 में नई टैक्स रिजीम चुनते हैं, तो आपको 50,000 रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलेगा, जो पहले ओल्ड टैक्स रिजीम में ही मुमकिन था। हालांकि, यह नियम 1 अप्रैल 2023 से ही लागू हो चुका है लेकिन आपके पास 1 अप्रैल 2024 को इसे बदलने का मौका है। ऐसा काम करने से आपकी 7.5 लाख तक की इनकम टैक्स मुक्त हो जाएगी।
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2. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ा टैक्स
अगर आपकी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी 1 अप्रैल 2023 के बाद जारी हुई है और आपका टोटल प्रीमियम 5 लाख रुपए से ज्यादा है, तो आपको मैच्योरिटी पर अपनी स्लैब के मुताबिक टैक्स भरना होगा।
वहीं, अगर आपकी सरकारी नौकरी नहीं है, तब लीव एनकैशमेंट के तौर पर 3 लाख की जगह 25 लाख रुपए तक पर टैक्स छूट का फायदा उठाया जा सकता है। इसके लिए इनकम टैक्स कानून की धारा-10 (10AA) में प्रावधान किया गया है। यानी अगर आपकी बची हुई लीव के लिए आपको 25 लाख रुपए तक का पेमेंट दिया जाता है, तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा।
3. नई टैक्स रिजीम हुई डिफॉल्ट
अगर आप अभी तक ओल्ड टैक्स रिजीम के हिसाब से इनकम टैक्स भरते आए हैं, तो आपको बता दें कि देश में नई टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट किया जा चुका है। इस तरह आपको हर साल 1 अप्रैल के बाद दोनों में से कोई एक टैक्स रिजीम चुनना होगा, नहीं तो वह अपने-आप नई टैक्स रिजीम को चुन लिया जाएगा।
4. टैक्स स्लैब में बदलाव
न्यू टैक्स रिजीम की स्लैब में भी कई तरह के बदलाव किए जा चुके हैं।
- 3 लाख से नीचे की इनकम पर 0% टैक्स
- 3 से 6 लाख तक की इनकम पर 5% टैक्स, (लेकिन 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स रिबेट और 50,000 रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा दिया जाता है)
- 6 लाख से 9 लाख तक वाली इनकम पर 10% टैक्स
- 9 से 12 लाख तक की इनकम पर 15% टैक्स
- 12 से 15 लाख तक की इनकम पर 20% टैक्स
- 15 लाख से ज्यादा की इनकम पर 30% टैक्स
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