Narayana Murthy’s IIT Graduate Business Partner Nandan Nilekani: महाराष्ट्र स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे (IIT Bombay) ने देश को बहुत से उद्यमी और नेता दिए हैं, जो दुनिया की गिनी-चुनी बड़ी कंपनियों में टॉप पोजिशन पर बैठे हैं। यहां से निकले कामयाब लोगों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल, इसरो के पूर्व अध्यक्ष कैलासवादिवू सिवन, ओला के सह-संस्थापक भाविश अग्रवाल जैसी हस्तियों के साथ ही एक नाम नंदन नीलेकणि का भी है। नंदन नीलेकणि ने आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट होने के बाद भारत की टॉप टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक की स्थापना की। इनका संबंध हाल में चर्चा में चल रहे इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के साथ है। थोड़े ही दिन पहले कंपनी के गैर कार्यकारी अध्यक्ष बने नीलेकणि मौजूदा समय में साढ़े पांच लाख करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक हैं।
1973 में आईआईटी बॉम्बे से की थी इंजीनियरिंग
नंदन नीलेकणि का जन्म 2 जुलाई 1955 को कर्नाटक के बेंगलुरु में मनोहर नीलेकणि दंपति के घर (मां दुर्गा की कोख से) हुआ था। शुरुआती पढ़ाई यहीं से पूरी करने के बाद नंदन ने 1973 में आईआईटी बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर किया, जिस दौरान हुई दोस्ती के बाद नंदन ने रोहिणी से शादी कर ली। दो बच्चों के पिता जानी-मानी आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर रहे हैं।
जहां तक कामयाबी की इस कहानी की बात है, आईआईटी ग्रेजुएट होने के बाद 1978 में पाटनी कंप्यूटर सिस्टम्स में काम किया। वहां उनका इंटरव्यू नारायण मूर्ति ने लिया था। लगभ्ग 3 साल के बाद अपनी कंपनी शुरू करने के उद्देश्य से नंदन नीलेकणि, नारायण मूर्ति और अन्य सहयोगियों ने पाटनी कंप्यूटर सिस्टम्स को छोड़ दिया। मार्च 2002 में नंदन नीलेकणि इंफोसिस के सीईओ के तौर पर नॉमिनेट हुए। इससे पहले नंदन नीलेकणि इस कंपनी में चेयरमैन, सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर जैसे अहम ओहदों पर काम कर चुके हैं।
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To mark 50 years of my association with @iitbombay, I am donating ₹315 crores to my alma mater. I am grateful to be able to do this🙏
Full release: https://t.co/q6rvuMf2jn pic.twitter.com/f8OEfZ1UTq
— Nandan Nilekani (@NandanNilekani) June 20, 2023
2002 से 2007 तक उनके नेतृत्व में इंफोसिस की कमाई छह गुणा बढ़कर 3 अरब डॉलर हो गई। इसी बीच साल 2006 में साइंस एक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नंदन ने पद्म भूषण सम्मान पाया। टोरंटो यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट ऑफ लॉ की उपाधि मिली, वहीं वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में 20 टॉप ग्लोबल लीडर्स में सबसे युवा उद्यमी के तौर पर जगह बनाई। भारत में हर नागरिक को एक विशिष्ट पहचान (आधार कार्ड) उपलब्ध करवाना नंदन की सबसे बड़ी कामयाबी है, जब 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने नंदन को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के चेयरमैन के रूप में काम करने के लिए आमंत्रित किया था। अब भारत के 1 अरब से अधिक नागरिक अपने प्राथमिक पहचान प्रमाण पत्र के रूप में आधार का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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इतना ही नहीं, मौजूदा स्थिति में 5 लाख 66 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति के मालिक नंदन नीलेकणि शॉपएक्स, जगरनॉट, मबल नेटवर्क्स, फोर्टिगो, पी2एसएमई, रेलयात्री और ट्रैक्सन समेत 12 स्टार्ट-अप में हिस्सेदारी के साथ सीरियल इन्वेस्टर की भूमिका में हैं। उन्होंने बीते दिनों अपनी पत्नी रोहिणी के साथ बिल गेट्स द्वारा संचालित एक आंदोलन गिविंग प्लेज के हिस्से के रूप में आधी संपत्ति को दान करने का निर्णय लिया है। अकेले साल 2023 में ही वह 189 करोड़ रुपए दान करके सबसे बड़े दानवीर के रूप में पहचान बना चुके हैं।