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जानिए मोदी सरकार की गेम चेंजिंग PM-PRANAM योजना के बारे में सब कुछ, किसानों के लिए बड़ा बदलाव!

नई दिल्ली: आपको याद होगा कि 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने का आग्रह किया था। उन्होंने किसानों से प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को अपनाने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा था, ‘प्राकृतिक खेती, रसायन मुक्त खेती देश के […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Sep 22, 2022 12:50
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नई दिल्ली: आपको याद होगा कि 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने का आग्रह किया था। उन्होंने किसानों से प्राकृतिक कृषि पद्धतियों को अपनाने की अपील की।

पीएम मोदी ने कहा था, ‘प्राकृतिक खेती, रसायन मुक्त खेती देश के आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को दे सकती है ताकत।’ इस साल जुलाई में नेचुरल फार्मिंग कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने किसानों को याद दिलाया था कि प्राकृतिक खेती समृद्धि का साधन होने के साथ-साथ धरती मां का सम्मान और सेवा भी है।

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उन्होंने कहा, ‘जब आप प्राकृतिक खेती करते हैं, तो आप धरती माता की सेवा करते हैं, मिट्टी की गुणवत्ता, उसकी उत्पादकता की रक्षा करते हैं। जब आप प्राकृतिक खेती करते हैं तो आप प्रकृति और पर्यावरण की सेवा कर रहे होते हैं। जब आप प्राकृतिक खेती से जुड़ते हैं तो आपको भी गौमाता की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।’

प्राकृतिक खेती से संबंधित नीति लाने पर हो रहा काम

इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार प्राकृतिक खेती से संबंधित नीति लाने पर काम कर रही है और अब विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, यह जल्द ही प्रधानमंत्री-वैकल्पिक पोषक और कृषि प्रबंधन (पीएम-प्रणाम) योजना को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। PM-PRANAM योजना का उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को हतोत्साहित करना और स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है।

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इस योजना के तहत, पिछले तीन वर्षों में औसत मात्रा की तुलना में किसी विशेष वर्ष में रासायनिक उर्वरकों का कम उपयोग करने वाले राज्यों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्यों को उर्वरक सब्सिडी का 50% कम उर्वरक का उपयोग करके उपलब्ध कराया जाएगा। यह ध्यान दिया जा सकता है कि किसान अपनी पैदावार बढ़ाने के लिए यूरिया, डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), और म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) जैसे उर्वरकों पर बड़े पैमाने पर निर्भर रहे हैं।

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First published on: Sep 20, 2022 06:12 PM

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