Indian tops on in America’s Golden: भारतीय अमेरिका का गोल्डन वीजा पाने में पहले स्थान पर आ गए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में गोल्डन वीजा पाने के मामले में 57 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इससे न केवल भारतीय लोगों को फायदा होगा बल्कि अमेरिका को भी लाभ मिलेगा। इस मॉडल से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को काफी फायदा मिल रहा है। बता दें कि 2016 में शुरू की गई इस स्कीम को 2019 और 2020 में रोक दिया गया था।
2022 में 1381 भारतीयों को मिला गोल्डन वीजा
जानकारी के अनुसार, अमेरिका का गोल्डन वीजा (ईबी-5) सबसे ज्यादा भारतीय लोगों को मिला है। 2021 में 876 भारतीयों को गोल्डन वीजा मिला था। जबकि 2022 में 1381 भारतीयों को गोल्डन वीजा दिया गया था। इसी के साथ संभावना जताई जा रही है कि 2023 में लगभग 1600 भारतीयों को गोल्डन वीजा मिल सकता है। अमेरिका का गोल्डन वीजा प्राप्त करने के लिए अमेरिका में न्यूनतम 6.5 करोड़ रुपए का निवेश करना होता है।
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पूरे परिवारर को बसने की मिलती है अनुमति
यूएस इमिग्रेशन फंड के निकोलस हंस ने कहा कि ग्रीन कार्ड में देरी के कारण सुपर रिच भारतीयों में इसका खासा रुझान है। गोल्डन वीजा के लिए स्पॉन्सर अथवा प्रोफेशनल डिग्री की जरूरत भी नहीं होती है। गोल्डन वीजा के कई फायदे भी हैं। इसके बाद अमेरिका की नागरिकता मिलनी बेहद आसान हो जाती है। साथ ही इसे अप्लाई करने वाले के पूरे परिवार को अमेरिका में बसने की अनुमति मिल जाती है। पहले दो साल के लिए स्थायी निवास (परमानेंट रेजीडेंसी) का अधिकार मिलता है। फिर पांच साल बाद नागरिकता मिल जाती है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था को काफी फायदा मिल रहा
गोल्डन वीजा पाने वाले से न्यूनतम 6.5 करोड़ रुपए पाने के बाद अमेरिका 20 आवेदनकर्ताओं का एक पूल बनाता है। इसे अमेरिका की सरकार रियल एस्टेट में निवेश करती है। इसके बदले में अमेरिकी सरकार को नियमित रूप से ब्याज मिलता रहता है। साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। इस मॉडल से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को काफी फायदा मिल रहा है। 2016 में शुरू की गई इस स्कीम को 2019 और 2020 में रोक दिया गया था।
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