Gold Rate Today December 11 2025: सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें घटाने के बाद भी जारी रही. 24 कैरेट सोने की कीमत 10 रुपये बढ़कर 1,30,320 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. एमसीएक्स पर भी आज सोने की कीमतों में तेजी देखी गई. चांदी भी इसी राह पर चलते हुए 100 रुपये की बढ़त के साथ एमसीएक्स पर 1.93 लाख रुपये प्रति किलो के करीब पहुंच गई, जोकि इस साल रिकॉर्ड हाई लेवल का आंकड़ा है. गौरतलब है कि सोने की कीमतों में 2025 में 70 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला, वहीं चांदी की कीमतें तो दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की उपाध्यक्ष अक्षा कंबोज के अनुसार ब्याज दरों में कटौती और डॉलर की नरमी अभी भी सोने के दाम स्थिर बनाए हु़ए है.
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महानगरों में आज क्या है सोने की कीमतें
- दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमतें 1,30,460 रुपये प्रति 10 ग्राम रहीं और 22 कैरेट गोल्ड के दाम 1,19,610 रुपये प्रति 10 ग्राम रहे.
- मुंबई में 24 कैरेट सोने की कीमतें 1,30,310 रुपये प्रति 10 ग्राम रहीं और 22 कैरेट गोल्ड के दाम 1,19,460 रुपये प्रति
- 10 ग्राम रहे.
कोलकाता में 24 कैरेट सोने की कीमतें 1,30,320 रुपये प्रति 10 ग्राम रहीं और 22 कैरेट गोल्ड के दाम 1,19,610 रुपये प्रति 10 ग्राम रहे. - चेन्नई में 24 कैरेट सोने की कीमतें 1,31,250 रुपये प्रति 10 ग्राम रहीं और 22 कैरेट गोल्ड के दाम 1,20,310 रुपये प्रति 10 ग्राम रहे.
- बेंगलुरु में 24 कैरेट सोने की कीमतें 1,30,320 रुपये प्रति 10 ग्राम रहीं और 22 कैरेट गोल्ड के दाम 1,19,610 रुपये प्रति 10 ग्राम रहे.
- हैदराबाद में 24 कैरेट सोने की कीमतें 1,30,320 रुपये प्रति 10 ग्राम रहीं और 22 कैरेट गोल्ड के दाम 1,19,610 रुपये प्रति 10 ग्राम रहे.

फेड रेट में कटौती से सोना महंगा क्यों?
अमेरिकी टैरिफ के असर से भारत में फेस्टिव सीजन के दौरान सोने की कीमत अपने रिकार्ड हाईलेवल पर पहुंच गई थी. एक सप्ताह में इसमें 0.35 प्रतिशत और एक महीने में 2.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई. विश्लेषकों का कहना है कि ब्याज दरों में कटौती होने पर व्यापारी आमतौर पर सोने जैसी संपत्तियों को खरीदना या उनमें निवेश करना पसंद करते हैं, क्योंकि बैंक में जमा नकदी का मूल्य या अल्पकालिक बांड पर मिलने वाला रिटर्न गिर जाता है.
वीटी मार्केट्स के ग्लोबल स्ट्रेटजी ऑपरेशंस लीड रॉस मैक्सवेल ने कहा, कम ब्याज दरों के साथ-साथ डॉलर के कमजोर होने से गैर-प्रॉफिटेबल एसेट्स को रखने की अवसर लागत कम हो जाती है, जिससे सोने और चांदी को समर्थन मिलता है. निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख करते हैं, जिससे कीमती धातुओं की मांग मजबूत होती है.”
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