Common Mistake After ITR Filing 2025: वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख बीत चुकी है. रिकार्ड तोड़ टैक्सपेयर्स ने ऑनलाइन रिटर्न भरा, लेकिन रिटर्न फाइल करते समय अगर सर्तकता नहीं बरती होगी या भूलकर भी यह 8 गलतियां कर दी होंगी तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है. बड़ी संख्या में जुलाई तक ऐसे मामले सामने आ चुके थे. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई तक ऐसे मामलों की संख्या करीब 1.65 लाख के करीब थी, जिन्हें सेक्शन 143(2) के तहत जांच के लिए चुना. गौरतलब है कि केवल समय पर आईटीआर फार्म भरना ही काफी नहीं। गड़बड़ी मिली तो नोटिस आ सकता है.
बड़े लेन-देन को छिपाया हो
- अगर बड़े लेन-देन करने के बावजूद आपने आईटीआर भरते वक्त उन्हें फार्म में शो नहीं किया तो विभाग उन्हें Annual Information Statement से मैच कर एक्शन ले सकता है.
- अगर 10 लाख से ज्यादा का कैश ट्रांजेक्शन हो
- 2 लाख रुपये से ज्यादा का क्रेडिट कार्ड का बिल भरा हो
- म्यूचुअल फंड में 2 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश किया हो
- 5 लाख रुपये से ज्यादा के बॉन्ड या 30 लाख से ज्यादा की प्रॉपटी खरीदी हो
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नौकरी बदलने पर कुछ छिपाया हो
साल के बीच जॉब बदलने वालों को दोनों जगह सैलरी से टैक्स डिडक्ट होता है। ऐसे में फॉर्म 16s को जोड़कर आय में डिफरेंस आ सकता है। ऐसे में छोटी सी भी गलती होने पर आपका फार्म स्क्रूटनी के लिए चुना जा सकता है.
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इन 6 गलतियों पर आ सकता है नोटिस
- सही ITR फॉर्म का चुनाव न करना भी पेनल्टी का कारण बन सकता है। सही ITR फॉर्म न भरने से आय की घोषणा अधूरी मानी जाती है.
- सेविंग अकाउंट या FD के बयाज को रिटर्न में टैक्स-फ्री इनकम में नहीं दिखाया तो विभाग इसे अघोषित इनकम मान सकता है.
- सेक्शन 80C, 80D या HRA जैसी छूट को प्रमाणित करते दस्तावेज नहीं दिए तो यह गंभीर उल्लंघन है। इसमें पैनेल्टी भी तगड़ी लगती है.
- आय में पिछले वर्षों के मुकाबले तगड़ी गिरावट आने पर विभाग स्पष्टीकरण मांग सकता है। जॉब छंटनी का प्रमाण देना होगा.
- आईटीआर में दिखाई गई आय से अलग TDS डिटेल फॉर्म 26AS या AIS में है तो नोटिस भेजा जा सकता है.
- असेसमेंट के दौरान कोई एंट्री छिपाई या दस्तावेज फर्जी मिले तो सेक्शन 271AAD के तहत भारी पेनल्टी लगाई जा सकती है.
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