Tantra Mantra: योग शास्त्र से संबंधित ग्रंथों में कुंडलिनी जागृत करने का महत्व बताया गया है। पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार जिस भी व्यक्ति की कुंडलिनी जागृत हो जाती हैं, उसे दिव्य शक्तियां मिलने लगती हैं और वह देवताओं के समान बनने लगता है।
हमारे शरीर में कुल 7 मुख्य चक्र माने गए हैं जो मूलाधार चक्र से आरंभ होकर सहस्त्रार चक्र तक जाते हैं। यदि इन चक्रों को जगा लिया जाए तो व्यक्ति ईश्वर के समान शक्तियां प्राप्त कर सकता है। आचार्य अनुपम जौली से जानिए कि किसी तरह कुंडलिनी तथा इन चक्रों को जगाया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: इसलिए नहीं खाना चाहिए भंडारे में खाना, बन सकते हैं पाप के भागी
इस तरह जागृत होती है कुंडलिनी
योगाभ्यास के द्वारा
यदि किसी योग्य गुरु के दिशा-निर्देश में योग का अभ्यास किया जाए तो कुंडलिनी बहुत जल्दी जागृत हो जाती है। इसके लिए नियमित रूप से योगाभ्यास तथा प्राणायाम का अभ्यास करना होता है। शुरू में कुछ कठिनाईयां आ सकती हैं परन्तु एक बार यात्रा आरंभ होने पर सब कुछ सरल होता चला जाता है।
यह भी पढ़ें: अगर आप भी उठ जाते हैं सुबह 5 बजे से पहले तो आपको भी मिलेंगी ये 3 सुपरपॉवर्
तंत्र साधना (Tantra Mantra) द्वारा
बहुत से प्राचीन तांत्रिक ग्रंथों में तंत्र साधना के द्वारा भी कुंडलिनी और चक्रों को जागृत किया जा सकता है। हालांकि यह बहुत ही शक्तिशाली साधना होती है जो व्यक्ति के पागलपन या उसकी मृत्यु का भी कारण बन सकती है। इसलिए इन साधनाओं को किसी अनुभवी और योग्य गुरु के सानिध्य में ही करना चाहिए।
यह भी पढ़ें: लाल किताब के इन उपायों को करते ही रातोंरात बदलेगी किस्मत, जानिए कैसे करना है
भक्ति द्वारा
यदि कोई व्यक्ति लगातार सात्विक जीवन जीते हुए भक्तिभाव के साथ रहें तो भी कुंडलिनी स्वत: ही जागृत हो जाती है। यह कुंडलिनी जागृत करने का सबसे आसान और सरल तरीका है। सबसे बड़ी बात, इसमें किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है, यदि गुरु न मिले, तब भी इस मार्ग से चलने पर किसी तरह का नुकसान नहीं होता, वरन ईश्वर स्वयं गुरु भेज देते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।