---विज्ञापन---

Durga Saptashati: दुर्गा सप्तशती का आजमाया हुआ उपाय, नवरात्रि में एक अध्याय का पाठ होगा वरदान समान

Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए दुर्ग सप्तशती का पाठ किया जाता है।

Edited By : Dipesh Thakur | Updated: Oct 12, 2023 16:13
Share :
shardiya navratri 2023
shardiya navratri 2023

Durga Saptashati: हिंदू धर्म में पुराणों को विशेष महत्व दिया गया है। सभी 18 पुराणों में मार्कंडेय पुराण का अपना अगल महत्व है। दुर्गासप्तशी मार्कंडेय पुराण का ही महत्वपूर्ण अंग है। जिसमें मां दुर्गा की स्तुति के लिए 700 श्लोक दिए गए हैं जिसमें कि तीन चरित्र (प्रथम, मध्ययम और उत्तम) हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कलियुग में भगवती दुर्गा और गणपति की उपासना बेहद लाभकारी है। माना जाता है कि दुर्गा सप्तशती के पाठ से दैहिक, दैविक और भौतिक तीनों ही प्रकार के ताप दूर हो जाते हैं। जिससे व्यक्ति जिंदगी की हर मोड़ पर खुशहाल नजर आता है। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में सबके लिए दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ कर पाना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में हम आपको एक ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं, जिसे करने के दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय के संपूर्ण पाठ जितना लाभ प्राप्त होता है। आइए जानते हैं दुर्गा सप्तशती के अचूक उपाय के बारे में.

दुर्गासप्तशती के इस अध्याय का पाठ करना है बेहद लाभकारी

पंडितों और ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मुताबिक, अगर कोई दुर्गा सप्तशती के संपूर्ण अध्याय का पाठ नहीं कर सके तो ऐसे में सिर्फ चतुर्थ अध्याय का पाठ कर सकते हैं। कहा जाता है कि सिर्फ चतुर्थ अध्याय का पाठ करने से ही संपूर्ण पाठ का लाभ मिल सकता है। शास्त्रों में कहा गया है कि दुर्गा सप्तशती के चतुर्थ अध्याय का पाठ करने से मां दुर्गा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है। साथ ही जीवन की तमाम परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। यही वजह कि विद्वान कहते हैं- दुर्गा सप्तशती के चौथे अध्याय का पाठ करने से संपूर्ण फल की प्राप्ति हो जाती है।

यह भी पढ़ें: 5 दिन बाद बनेगा चतुर्ग्रही योग का दुर्लभ संयोग, तीन राशियों के लिए वरदान! चारों तरफ से आएगा पैसा ही पैसा

दुर्गा सप्तशती के किस अध्याय का पाठ करने क्या मिलता है लाभ

  • प्रथम अध्याय – दुर्गा सप्तशती का प्रथम पाठ करने से सभी प्रकार की चिंताएं दूर होती हैं।
  • द्वितीय अध्याय – द्वितीय पाठ करने से किसी भी तरह की शत्रु-बाधा दूर होती है। साथ ही कोर्ट-कचहरी आदि से जुड़े मुकदमे में विजय प्राप्त होती है।
  • तृतीय अध्याय – तृतीय अध्याय का पाठ करने से शत्रुओं का नाश होता है।
  • चतुर्थ अध्याय – चतुर्थ अध्याय का पाठ करने से मां दुर्गा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है।
  • पंचम अध्याय – पांचवें अध्याय का पाठ करने से भक्ति, शक्ति और देवी-दर्शन का आशीर्वाद मिलता है।
  • षष्ठ अध्याय – छठवें अध्याय का पाठ करने से दुख, दारिद्रय, भय आदि दूर होता है।
  • सप्तम अध्याय – सातवें अध्याय का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • अष्टम अध्याय – आठवां अध्याय वशीकरण और मित्रता करने के लिए विशेष रूप से किया जाता है।
  • नवम अध्याय – नौवें अध्याय का पाठ संतान की प्राप्ति और उन्नति के लिए किया जाता है। इसके अलावा किसी खोई चीज को पाने के लिए भी यह पाठ अत्यंत सिद्ध एवं प्रभावशाली है।
  • दशम अध्याय – दसवें अध्याय का पाठ करने पर नौवें अध्याय के समान ही फल प्राप्त होता है।
  • एकादश अध्याय – दसवें अध्याय का पाठ तमाम तरह की भौतिक सुविधाएं प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  • द्वादश अध्याय – बारहवें अ​ध्याय का पाठ मान-सम्मान और लाभ दिलाने वाला है।
  • त्रयोदश अध्याय – तेरहवें अध्याय का पाठ ​विशेष रूप से मोक्ष और भक्ति के लिए किया जाता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

HISTORY

Written By

Dipesh Thakur

First published on: Oct 12, 2023 04:08 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें