Pahalgam Terror Attack: बीते 29 मार्च को शनि मीन राशि में प्रवेश कर गए थे। शनि के मीन राशि में प्रवेश करने के एक दिन पहले से ही अबतक भूकंप की कई घटनाएं देखने को मिल रही हैं। वहीं, 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में भी 28 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अगर इस हमले को ज्योतिषीय दृष्टि के देखा जाए तो इन आतंकवादी एक्टिविटीज, युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं में ग्रहों की चाल का खास योगदान होता है।
22 अप्रैल 2025 को भी अत्यंत दुर्लभ योग बना था। इस दिन मंगल ग्रह नीच के होकर कर्क राशि में बैठे थे। वहीं, राहु और शनि दोनों ही मीन राशि में बैठकर चांडाल योग जैसा प्रभाव दे रहे थे। मंगल कर्क राशि में हिंसक प्रवृत्तियों को बढ़ावा देता है। चंद्रमा का मकर राशि में होना भी उग्रता का प्रतीक है। इस कारण ऐसी घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।
कब तक रहेगा ये योग?
शनि और राहु की मीन राशि में युति 18 मई तक रहने वाली है। 18 मई को राहु कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। राहु के कुंभ राशि में प्रवेश करने से स्थिति कुछ सामान्य हो सकती है। माना जाता है कि शनि और राहु की युति छिपे हुए षड्यंत्र, फरेब, आतंकवादी मानसिकता को जन्म देती है। इसके साथ ही आपदाओं की भी आशंकाएं बढ़ जाती हैं।
भारत की कुंडली में 11वें भाव में है मीन राशि
भारत की स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को रात 12:00 बजे नई दिल्ली में हुई थी। इसके अनुसार भारत की कुंडली के 11वें भाव में मीन राशि आती है। ग्यारहवां भाव सामाजिक समूहों, आय, और मित्र राष्ट्रों से संबंधित है। राहु का मीन में होना भ्रम, छल, और छिपी साजिशों को दर्शाता है। राहु का प्रभाव आतंकवादी गतिविधियों और अराजकता से भी जुड़ा होता है। मीन में 22 अप्रैल को बुध, शुक्र और राहु व शनि मौजूद थे। इसमें यह युति सामाजिक अस्थिरता और पर्यटन स्थलों पर अप्रत्याशित घटनाओं को बढ़ावा दे सकती है।
इसके साथ ही मंगल की नीच राशि में भारत की कुंडली के तीसरे भाव में होना पड़ोसी देश से तनाव को दर्शाता है। चंद्रमा का मकर राशि में होना भावनात्मक अस्थिरता को दर्शाता है। देश में गुस्सा और शोक होना इसी का कारण है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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