Numerology: अंक ज्योतिष एक कमाल का अनोखा विषय है, जो एक साथ गूढ़ भी है और रोचक भी। यह व्यक्ति के जन्मतिथि की संख्याओं के जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करता है। इस विशलेषण से कई ऐसे राज और रहस्य सामने आते हैं, जिस पर एकबारगी यकीन नहीं होता है। इस शास्त्र में जन्म की तारीख सबसे महत्वपूर्ण मानी गई, जिसके अंकों को जोड़कर एक अंक प्राप्त करते है, जो मूलांक कहलाता है।
इस मूलांक की बदौलत न्यूमरोलॉजी एक्सपर्ट किसी व्यक्ति पर्सनालिटी, स्वभाव और जीवन की घटनाओं को उजागर करते हैं। यहां जिन 3 तारीखों जन्मे व्यक्तियों की चर्चा की गई है, उनक मूलांक 9 होता है। आइए जानते हैं, किन तारीखों जन्मे व्यक्तियों का मूलांक 9 होता है। इस मूलांक के स्वामी ग्रह कौन हैं और इनमें क्या-क्या गुण और विशेषताएं होती हैं?
किन व्यक्तियों का मूलांक होता है 9?
किसी महीने की 9, 18 और 27 तारीख को इस दुनिया में आगे व्यक्तियों का मूलांक 9 होता है, क्योंकि इन तारीखों के कुल योग के इकाई अंक में 9 होता है। अंक ज्योतिष शास्त्र में हर मूलांक के बारे में बहुत कुछ खास बताया गया है। मूलांक 9 की तारीखों में जन्मे लोगों के जीवन पर उनके ग्रह स्वामी का विशेष प्रभाव होता है।
मूलांक 9 के ग्रह स्वामी
अंक ज्योतिष के अनुसार, मूलांक 9 के स्वामी ग्रह मंगल ग्रह होते हैं, जिसे साहस और पराक्रम का कारक माना गया है। वे उत्साह और ऊर्जा के द्योतक ग्रह हैं।
होते हैं दिलेर और साहसी
इनमें साहस और जोश की कमी नहीं होती है। वे कठिन परिस्थितियों में भी डटकर मुकाबला करते हैं। मंगल के प्रभाव से इनमें आत्मविश्वास का स्तर काफी ऊंचा होता है। मूलांक 9 वाले लोग अक्सर अपनी दिलेरी के लिए जाने जाते हैं। वास्तव में सभी 12 राशियों में ये दिलेरी में सबसे आगे होते हैं। यह उनकी व्यक्तित्व की एक प्रमुख विशेषता है।
इनमें होता है गजब का हौसला
मूलांक 9 के व्यक्ति शारीरिक रूप से बेहद शक्तिशाली होते हैं। केवल यही नहीं, इनमें गजब का हौसला भी होता है। इस मूलांक के लोग किसी भी तरह की परेशानी से घबराते नहीं हैं और किसी भी परिस्थिति से निबटने का साहस रखते हैं।
कुछ नया करने की उत्सुकता
मंगल के प्रभाव से मूलांक 9 वाले लोग अत्यंत ऊर्जावान और सक्रिय होते हैं। वे हमेशा कुछ नया करने के लिए उत्सुक रहते हैं। इनमें नेतृत्व करने की क्षमता होती है और लोग इनका अनुसरण करते हैं।
बात-बात पर टोकना बिल्कुल नहीं पसंद
मंगल ग्रह व्यक्ति को जहां साहस, आत्मविश्वास और नेतृत्व की क्षमता देते हैं, वहीं इन गुणों की अधिकता होने पर व्यक्ति एक स्वछंदता यानी मनमर्जी की प्रवृत्ति विकसित हो जाती है। यह व्यक्ति में अहंकार बढ़ा सकता है। तब इन्हें बात-बात पर दूसरों का टोकना बिल्कुल भी पसंद नहीं होता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।