---विज्ञापन---

यह मंदिर बताता है, कब होगी बारिश, वैज्ञानिक भी नहीं ढूंढ पाएं इस तकनीक का रहस्य

Jagannath Temple: पुराने जमाने में भले ही आज जैसी उन्नत तकनीक न हो लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो आज भी अचंभित कर देती हैं। उत्तरप्रदेश के कानपुर से तीन किलोमीटर की दूरी पर बसे बेहटा गांव का एक मंदिर भी ऐसी ही कलाकृति है। भगवान जगन्नाथ को समर्पित यह मंदिर बारिश आने की पूर्व […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: May 23, 2023 14:10
Share :
jagannath temple kanpur, jagannath temple, kanpur jagannath temple, rain temple, hindu temples,

Jagannath Temple: पुराने जमाने में भले ही आज जैसी उन्नत तकनीक न हो लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो आज भी अचंभित कर देती हैं। उत्तरप्रदेश के कानपुर से तीन किलोमीटर की दूरी पर बसे बेहटा गांव का एक मंदिर भी ऐसी ही कलाकृति है। भगवान जगन्नाथ को समर्पित यह मंदिर बारिश आने की पूर्व भविष्यवाणी करने के लिए प्रसिद्ध है।

कई बार इस मंदिर की छत तेज चिलचिलाती धूप में भी अचानक ही टपकने लगती है। स्थानीय निवासियों के अनुसार यह वर्षा आने के लगभग छह-सात दिन पूर्व होता है। जैसे ही बारिश आरंभ होती है, छत से टपकता पानी भी अपने आप ही बंद हो जाता है। यह वास्तव में हैरान कर देने वाला तथ्य है लेकिन भगवान जगन्नाथ के इस अति प्राचीन मंदिर में ऐसा होता है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें: बुध के इन उपायों से व्यापार और नौकरी में मिलेगी सफलता, कॅरियर रातोंरात उड़ान भरेगा

किसान मंदिर की छत देखकर करते हैं कृषि की तैयारी

बेहटा गांव में रहने वाले ग्रामीणों के अनुसार जब भी बारिश आने वाली होती है तो लगभग पांच से सात दिन पूर्व ही मंदिर की छत टपकना शुरु हो जाती है। समय के साथ ये बूंदें धीरे-धीरे बड़ी होती जाती है। जैसे ही बारिश शुरू होती है, छत का टपकना बंद हो जाता है। अब ग्रामीण छत पर बूंदों को देखकर ही अपनी जमीन जोतने लगते हैं।

---विज्ञापन---

भगवान जगन्नाथ के साथ बलराम और सुभद्रा की प्रतिमाएं हैं विराजित

मंदिर में काले चिकने पत्थरों से बनाई गई भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ और सुभद्रा की प्रतिमाएं स्थापित की गई है। हर वर्ष यहां पर जगन्नाथ यात्रा भी निकाली जाती है जिसमें आसपास से हजारों भक्त श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मंदिर के प्रांगण में सूर्यदेव और पद्मनाथ की भी प्रतिमाएं विराजमान हैं।

यह भी पढ़ें: Kaalchakra: कष्ट हैं तो मिट जाएंगे..हर परेशानी का तोड़ है ‘पारद’, ऐसे करना होगा प्रयोग

14 फीट मोटी हैं मंदिर (Jagannath Temple) की दीवारें

माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक के शासनकाल में किया गया है। मंदिर की बाहरी संरचना तथा स्वरूप बौद्ध मठ के समान दिखाई देता है। मंदिर की दीवारें 14 फीट मोटाई की है। किंवदंतियों के अनुसार मंदिर का जीर्णोद्धार 11वीं सदी में किया गया था। यहां के पुजारी कहते हैं कि मंदिर में छत टपकने का रहस्य जानने के लिए कई बार वैज्ञानिक आए परन्तु वे किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाएं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

HISTORY

Edited By

Sunil Sharma

First published on: May 23, 2023 01:55 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें