Hanumanchalisa ke Upay: कलियुग में हनुमानजी को साक्षात जागृत देव कहा गया है। इस पूरे ब्रह्मांड में ऐसा कोई कार्य नहीं है जो उनके लिए असंभव हो। यही कारण है कि हर घर में उनकी पूजा होती है, हर जगह उनके मंदिर और प्रतिमाएं देखने को मिलती हैं।
बजरंग बली को प्रसन्न करने के लिए वैसे तो शास्त्रों में कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों में हनुमानचालिसा और सुंदरकांड को सर्वोत्तम और सर्वाधिक सरल उपाय बताया गया है। आप किसी अन्य उपाय को करें या न करें, केवल मात्र इन दोनों के विधिवत उपयोग से ही मारुतिनंदन को प्रसन्न किया जा सकता है।
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कैसे करें हनुमानचालिसा का प्रयोग (Hanumanchalisa ke Upay)
हनुमानचालिसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा की गई थी। कहा जाता है कि उन्हें भूत-प्रेतों से डर लगता था। अपने डर से मुक्ति पाने के लिए ही उन्होंने हनुमानचालिसा की रचना की और इसके बाद हनुमानजी ने स्वयं प्रकट होकर उन्हें अभय वर दिया था। तभी से हनुमानचालिसा को प्रेत बाधा व अन्य नेगेटिव शक्तियों के लिए अचूक उपाय माने जाना लगा।
विद्वानों के अनुसार हनुमानचालिसा को रात्रि 9 बजे बाद स्नान कर साफ, स्वच्छ वस्त्र पहन कर पढ़ना चाहिए। यदि आप प्रतिदिन रात्रि 9 बजे बाद हनुमानचालिसा का 108 बार पाठ करेंगे तो आपकी सभी इच्छाएं अवश्य ही पूर्ण होंगी। परन्तु इसके लिए एक शर्त भी है कि आपकी इच्छा पूर्ण होने से किसी का नुकसान नहीं होना चाहिए।
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क्यों पढ़ें रात्रि 9 बजे बाद ही
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त से लेकर रात्रि 9 बजे तक बजरंग बली भगवान राम की सेवा में लीन रहते हैं। अतः उस समय उनकी स्तुति व प्रार्थना करने से उतना लाभ नहीं मिल पाता, जितना मिलना चाहिए। परन्तु रात्रि 9 बजे बाद वे भगवान राम की सेवा से मुक्त हो जाते हैं। इसलिए यदि सुंदरकांड या हनुमानचालिसा का रात 9 बजे बाद पाठ किया जाए तो कई गुणा लाभ होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।