World Most Dangerous Countries: इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा संकलित ग्लोबल पीस इंडेक्स जारी की है. इसमें गंभीर संघर्षों, राजनीतिक अस्थिरता और मानवीय संकटों से जूझ रहे इलाकों के बारे में लिखा गया है। लिस्ट में यमन, अफगानिस्तान और सूडान जैसे देशों के नाम शामिल हैं। इन देशों में इस तरह के हालात बन गए हैं कि ये दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में शामिल हो गए। आज आपको बताएंगे कि आखिर इन देशों में इतने बुरे हालात क्यों बनें?
यमन, अफगानिस्तान जैसे देश जिस तरह के संघर्ष झेल रहे हैं जिसकी वजह से यहां का बुनियादी ढांचा तबाह हो गया है। इस साल अफगानिस्तान, यूक्रेन और सीरिया को भी गंभीर अस्थिरता और हिंसा देखने को मिली। इन देशों पर किए गए सर्वे में यहां के हालात को सुधारने के लिए काम करने का आग्रह किया गया।
यमन
2024 GPI स्कोर 3.397 के साथ यमन दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से है। 2015 में नागरिक संघर्ष की शुरुआत के बाद से देश अराजकता में डूब गया है। यहां पर अकाल, बीमारी और बुनियादी ढांचे के पतन ने स्थिति को और खराब कर दिया है। यह संघर्ष एक आंतरिक संघर्ष के तौर पर शुरू हुआ, पड़ोसी देशों की भागीदारी के कारण लंबा और तेज हो गया है, जिनमें से प्रत्येक अलग-अलग गुटों का समर्थन कर रहा है। इससे यमनी लोगों की पीड़ा और भी बढ़ गई है, जिन्हें प्रतिदिन अकल्पनीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
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सूडान
सूडान विश्व स्तर पर सबसे खतरनाक देशों में से एक बना हुआ है, जिसका मुख्य कारण डारफुर, साउथ कोर्डोफन और ब्लू नाइल जैसे क्षेत्रों में चल रहे संघर्ष हैं। 2024 में इन संघर्षों के परिणामस्वरूप 3,000 से ज्यादा मौतें हुईं और लगभग 2 मिलियन लोग चले गए। मानवीय संकट इतना ज्यादा है कि सरकारी बलों, विपक्षी समूह नागरिकों पर लगातार हमले कर रहे हैं। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार, सूडान में लगभग 14 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है।
दक्षिण सूडान
दक्षिण सूडान में चल रहे नागरिक संघर्ष, जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के कारण दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक बना हुआ है। 2011 से ही देश ने शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए संघर्ष किया है। इसके नागरिकों को आंतरिक कलह और बाहरी दबावों से लगातार खतरों का सामना करना पड़ रहा है।
अफगानिस्तान
अफगानिस्तान 2024 GPI स्कोर 3.294 के साथ दुनिया भर में सबसे खतरनाक देशों में से एक बना हुआ है। 2021 में तालिबान के सत्ता पर कब्ज़ा करने के कारण संघर्ष और ज्यादा बढ़ गया। यहां पर आतंकवाद, अपहरण और व्यापक हिंसा के बड़े खतरे बने रहते हैं। इससे अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय चिंता का केंद्र बिंदु बन गया है।
यूक्रेन
फरवरी 2022 में रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद से यूक्रेन में सुरक्षा और स्थिरता में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। 2024 तक इस जंग में 150,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। यहां पर इस जंग ने शहरों और घरों, स्कूलों और अस्पतालों समेत कई बुनियादी ढांचों को तबाह कर दिया, जिससे मानवीय संकट पैदा कर दिया है।
इसके अलावा इन खतरनाक देशों की लिस्ट में रूस, सीरिया और माली का मान भी शामिल है। इन देशों की स्थिति भी बाकी देशों से कुछ अलग नहीं है। यहां पर भी मानवीय संकट लगातार बना हुआ है। जिसकी वजह से इनको दुनिया के सबसे खतरनाक देशों की लिस्ट में शामिल किया गया है।