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‘ईरान के परमाणु ठिकाने ध्वस्त नहीं कर सकता इजरायल’, जानें डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों दिया ऐसा बयान?

Iran Nuclear Sites: इजरायल और ईरान की जंग में सबसे बड़ा टारगेट ईरान की न्यूक्लियर साइट्स हैं, जिन्हें लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इजरायल की सैन्य क्षमता को सीमित बताया और कहा कि इजरायल के पास इतनी ताकत नहीं कि वह ईरान के फोर्डो परमाणु ठिकाने को ध्वस्त कर सके।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jun 21, 2025 10:33
Donald Trump | Benjamin Netanyahu | Israel Iran War
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल की ताकत को सिमित बताया है।

Iran Nuclear Sites: इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग में अमेरिका तीसरा पक्ष है। हालांकि अमेरिका जंग में सीधे तौर पर शामिल नहीं हुआ है, लेकिन अमेरिका ने ईरान पर हमला करने की तैयारी कर ली है, लेकिन दुनियाभर के देश कहते हैं कि अमेरिका युद्ध में शामिल होने की बजाय दोनों देशों में सीजफायर कराए। ट्रंप ने ईरान पर हमला करने की तैयारी की, लेकिन अचानक हमला करने का फाइनल ऑर्डर देने की बात 15 दिन के लिए टाल दी। अब मीडिया से बातचीत में राष्ट्रपति ट्रंप कहते हैं कि इजरायल के पास इतनी क्षमता नहीं है कि वह ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर साइट को पूरी तरह नष्ट कर सके।

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इजरायल की ताकत को बताया सीमित

ट्रंप ने कहा कि इजरायल के पास ईरान के परमाणु स्थल को नष्ट करने की क्षमता ही नहीं है। वास्तव में इजरायल की सैन्य क्षमता और ताकत बहुत सीमित है। इजरायल ड्रोन- मिसाइल अटैक करके ईरान में एक छोटे से हिस्से को तबाह कर सकता है, लेकिन जमीन के अंदर गहराई में जाकर बंकरों या किसी ठिकाने को तबाह नहीं कर सकता। डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान इजरायल के राष्ट्रपति को जवाब है। इजरायल के राष्ट्रपति ने कहा था कि अगर अमेरिका जंग में साथ नहीं भी देता तो भी इजरायल अपने आप में काफी है। वह खामेनेई का खात्मा करने और फोर्डो परमाणु ठिकाने को ध्वस्त करने में सक्षम है। इजरायल को अमेरिका की जरूरत नहीं है। ट्रंप का ताजा बयान इजरायल के राष्ट्रपति के बयान का पलटवार है।

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ट्रंप कर सकते हैं युद्धविराम का समर्थन

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शांति निर्माता के रूप में अपना रुख दोहराया और कहा कि वह फिर से शांति निर्माता बन सकते हैं। वह परिस्थितियों के अनुसार इजरायल और ईरान में युद्धविराम का समर्थन कर सकते हैं। ईरान यूरोपियन देशों के साथ समझौता नहीं करना चाहता, उनसे बात ही नहीं करना चाहता। ईरान अमेरिका से बात करना चाहता है और अगर वह बात करता है तो वे युद्धविराम के लिए प्रयास कर सकते हैं, लेकिन ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि कभी-कभी शांति स्थापित करने के लिए कुछ कठोर फैसले लेने पड़ते हैं।

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ईरान को समय देने के लिए हमला टाला

ट्रंप ने कहा कि ईरान पर हमला करने की बात उन्होंने 15 दिन के लिए इसलिए टाल दी, ताकि ईरान को समझौते और युद्धविराम के लिए सोचने को थोड़ा समय मिल जाए। जब तक इजरायल जीत रहा है, अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग करके ईरान पर कार्रवाई कर रहा है, तब तक अमेरिका इजरायल को हमले रोकने के लिए नहीं कहेगा। ट्रंप कहते हैं कि जो देश जीत रहा है, उसे यह कहना कि युद्ध रोक दो, आसान नहीं है, जबकि ईरान का कहना है कि अमेरिका को इजरायल को युद्ध करने रोकना चाहिए।

वहीं ईरान के विदेश मंत्री कहते हैं कि वे हमले तभी रोकेंगे, जब इजरायल हमला करना बंद कर देगा, लेकिन अगर ट्रंप चाहें तो वे एक कॉल पर युद्धविराम करा सकते हैं।

First published on: Jun 21, 2025 08:05 AM

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