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कुरान जलाने वाला सलवान मोमिका कौन था? जिसकी स्वीडन में गोली मारकर हत्या

World News in Hindi: स्वीडन में कुरान जलाने के मामलों में मुस्लिम देशों के निशाने पर आए सलवान मोमिका की हत्या कर दी गई है। सलवान ने कई बार कुरान का अपमान किया था। उसके विरोध में कई बार दुनियाभर में प्रदर्शन हो चुके थे।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Jan 30, 2025 16:32
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Salwan Momika
Salwan Momika ( REUTERS)

World Latest News: स्वीडन में कई बार सार्वजनिक तौर पर कुरान को जलाकर चर्चा में रहे इराकी नागरिक सलवान मोमिका की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार 38 साल के मोमिका को स्टॉकहोम के पास सॉडेटेलिए इलाके में मौत के घाट उतार दिया गया। स्थानीय पुलिस को एक शख्स को गोली लगने की सूचना मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची तो शख्स खून से लथपथ मिला। बाद में उसकी मौत हो गई, पुलिस ने उसकी पहचान सलवान मोमिका के तौर पर की। स्टॉकहोम डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अनुसार गुरुवार को उसके खिलाफ एक मामले में फैसला सुनाया जाना था। आरोपी की मौत होने के बाद फैसले को टाल दिया गया है। जज गोरान लुंडाहल के अनुसार मृतक मोमिका था।

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आरोपी कई बार स्वीडन में कुरान जलाने और अपमान करने की घटनाओं को अंजाम दे चुका था। उसकी करतूतों से दुनियाभर के मुस्लिम देशों में गुस्सा देखने को मिला था। यहां तक कि कई देशों में उसके खिलाफ प्रदर्शन और दंगे भी हो चुके थे। स्वीडन को भी मोमिका की वजह से कई बार राजनयिक स्तर पर विरोध झेलना पड़ा था। उसका मर्डर किसने किया है, इसकी जांच हो रही है? स्वीडन की खुफिया एजेंसियों ने कुछ दिन पहले खुलासा किया था कि उसे ईरान से धमकियां मिल रही हैं।

जातीय समुदायों को भड़काने के आरोपों में उसके खिलाफ स्वीडन की कोर्ट में केस चल रहा था। गुरुवार को सुनवाई होनी थी, जो स्थगित हो गई। आरोपी 2018 में इराक से स्वीडन पहुंचा था। उसे 2021 तक 3 साल के लिए अस्थायी तौर पर रहने की अनुमति दी गई थी। स्वीडिश समाचार एजेंसी के अनुसार पुलिस ने मामले में कई लोगों को अरेस्ट किया है। मोमिका ने कुरान जलाने के मामलों को धार्मिक आलोचना करार दिया था। उसने कहा था कि वह मुस्लिम लोगों के खिलाफ नहीं है। सिर्फ इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ प्रदर्शन करना उसका मकसद है। वह स्वीडन के लोगों को कुरान के संदेशों से बचाने के लिए यह सब कर रहा है।

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ईरान से मिल रही थीं धमकियां

स्वीडिश पुलिस ने अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देते हुए उसे विरोध करने की अनुमति दी थी। बाद में उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किए गए। वहीं, स्वीडिश माइग्रेशन एजेंसी ने 2023 में मोमिका को देश से निकाल देने का फैसला लिया था, लेकिन ईरान की धमकियों की बीच उसके फिर अप्रैल 2024 तक यहां रहने की अनुमति मिल गई थी। मोमिका मूल रूप से उत्तरी इराक के निनवेह प्रांत के काराकोश के अल-हमदानिया जिले का रहने वाला था। इस्लामिक स्टेट द्वारा ईसाइयों के उत्पीड़न के बीच 2006-2008 के बीच गृहयुद्ध चला था। इस दौरान मोमिका ने असीरियन पैट्रियटिक पार्टी का दामन थाम लिया था। उसने पार्टी के मोसुल मुख्यालय में गार्ड के तौर पर भी काम किया था।

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जून 2014 में ISIS के मोसुल पर कब्जा करने के बाद वह पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स (PMF) का हिस्सा बन गया था। उसके वीडियो भी सामने आए थे, जिसमें वह ईसाई इकाई के सदस्य के रूप में सैन्य वर्दी में दिखा था। इस्लामिक आंदोलन की सैन्य शाखा इमाम अली ब्रिगेड के प्रति वफादारी की शपथ लेते हुए भी एक वीडियो में नजर आया था। 2017 में शेंगेन वीजा के साथ वह जर्मनी भाग गया था, जहां उसने ईसाई धर्म को त्याग नास्तिक होने की घोषणा की थी। इसके बाद वह स्वीडन आ गया था।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Jan 30, 2025 04:32 PM

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