UNICEF Report In Afghanistan Earthquake : अफगानिस्तान में 3 महीने पहले आए विनाशकारी भूकंप से अबतक देश उबर नहीं पाया है। भूकंप की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि देखते ही देखते बड़ी-बड़ी इमारतें धराशायी हो गई थीं। इसके मलबे में दबने से अबतक एक हजार से अधिक लोगों की जान चली गई है। करीब एक लाख अफगानी बच्चे बेसहारा हो गए हैं और अब उन्हें सहारे की जरूरत है।
अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में 7 अक्टूबर और 11 अक्टूबर को भूकंप के जोरदार झटके लगे थे। रिक्टर पैमाना पर भूकंप की तीव्रता 6.3 आंकी गई थी। इस भूकंप से पूरे देश में तबाही मच गई है। अबतक 21 हजार से ज्यादा घर बर्बाद हो गए हैं। मरने वालों में सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। यूएन चिल्ड्रन एजेंसी ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान में लगभग 100,000 बच्चे आज भी दर-दर भटक रहे हैं और उन्हें सहायता की जरूरत है।
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खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजार रहे लोग
अफगानिस्तान में यूनिसेफ (UNICEF) के प्रतिनिधि फ्रैन इक्विजा ने कहा कि पश्चिमी अफगान में आए भूकंप के 100 दिन के बाद भी गांवों में डर और दुख का माहौल है। स्कूल और अस्पताल पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, जिस पर बच्चे निर्भर रहते हैं। सर्दी के मौसम में बच्चे और परिवार के सदस्य खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। आने वाले बारिश के मौसम में भी उनकी यही स्थिति रहने की उम्मीद है।
तालिबान सरकार रही विफल
यूनिसेफ ने कहा कि अफगान की आधी आबादी को फिर से बसाने और उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए 1.4 बिलियन डॉलर की जरूरत है। तालिबान की सरकार उनकी जरूरतों को पूरा करने में विफल हो गई है। अफगानिस्तान में इस साल 12.6 मिलियन बच्चों समेत 23.3 मिलियन लोगों को तत्काल सहायता की जरूरत है।