डर्बी: कंपकंपाते हाथ-पैरों वाला 82 साल का एक अकेला बुजुर्ग तीन-चार नए उठते जवानों के टोल से घिरा हो तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जान का खतरा किसको होगा। इंग्लैंड के डर्बी शहर से ऐसी ही एक कहानी सामने आई है, जिसमें 16 साल के लड़के ने एक ही घूंसे में 82 साल के रिटायर्ड फौजी की खोपड़ी तोड़ दी और बाद में जब पकड़ा गया तो बोला-मुझे जान का खतरा था। हालांकि हकीकत खुल ही गई। तीसरी आंख (CCTV Camera) की गवाही पर अब इस लड़के को सजा का फैसला सुनाया गया है।
28 अप्रैल 2021 को डर्बी में घटी थी घटना
घटना 28 अप्रैल 2021 की है। मिली जानकारी के अनुसार 82 साल के रिटायर्ड आर्मी मैन डेनिस क्लार्क ने कुछ किशोरों को एस्केलेटर के साथ छेड़खानी करने से रोका तो उनमें से हाथापाई पर उतरे ओमार माउमेचे नामक एक लड़के (उस वक्त साल का था, लेकिन अब बालिग है) ने एक ही मुक्के से डेनिस क्लार्क की जान ले ली। हालांकि उस वक्त डेनिस क्लार्क को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन वहां 9 दिन बाद 6 मई 2021 को उनकी मौत हो गई। डॉक्टर्स ने बताया था कि डेनिस क्लार्क की खोपड़ी टूट जाने से दिमाग में खून भर गया और इसकी वजह से उन्हें बचाया नहीं जा सका।
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पलट गया आत्मरक्षा का दावा
उधर, इस बारे में डिटेक्टिव इंस्पेक्टर मार्क शॉ के द्वारा यूनाइटेड किंगडम के न्यूज मीडिया द सन को बताए अनुसार पुलिस ने आरोपी किशोर ओमार को तुरंत पकड़ लिया था। पूछताछ के दौरान उसने आत्मरक्षा में बुजुर्ग के साथ हाथापाई का दावा किया था। बाद में जब जांच आगे बढ़ाई गई तो पुलिस के हाथ घटनास्थल की एक सीसीटीवी रिकॉर्डिंग लगी, जिसने सारी कहानी ही पलट दी। पुलिस अधिकारी के मुताबिक उस वीडियो में रिटायर्ड आर्मी मैन डेनिस क्लार्क (सिंगापुर में भी सेवा दे चुके) को किशोरों के एक समूह से घिरा हुआ साफ देखा जा सकता था।
शॉपिंग सेंटर में टोका तो बस अड्डे पर घेरा
पता चला कि किशोरों ने बुजुर्ग को पहले एक शॉपिंग सेंटर में चुनौती दी थी और फिर डर्बी बस स्टेशन तक पीछा किया। वहां अचानक घेरने के बाद आरोपी ने मुक्का मारकर बुजुर्ग को जमीन पर गिरा दिया और फिर मौके से भाग गया। हालांकि कुछ ही मिनट बाद गिरफ्तार कर लिया गया। गवाहों के बयानों और सीसीटीवी फुटेज ने आरोपी किशोर ओमार माउमेचे के आत्मरक्षा के दावे को झूठा साबित कर दिया। इसके बाद इस साल जुलाई में ही इस मामले में डर्बी क्राउन कोर्ट ने बालिग हो चुके ओमार माउमेचे को दोषी करार दिया और शनिवार को दो साल की युवा हिरासत की सजा सुनाई है।
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क्लार्क के पास था टोके जाने का अधिकार
कहा जा रहा है, ‘डेनिस क्लार्क की दुखद मौत इस युवा व्यक्ति के डराने और आक्रामक व्यवहार का परिणाम थी, जो पीछे हटने से इनकार कर रहा था और नहीं जानता था कि कब दूर चला जाए। क्लार्क के पास इस व्यवहार को चुनौती देने का अधिकार था और फिर माउमेचे ने बस स्टेशन पर उसका सामना करने का फैसला किया। 82 साल के एक व्यक्ति के साथ आक्रामक और डराने वाला व्यवहार किया, जिससे कोई खतरा नहीं था। उसने एक मुक्का मारा, जिससे एक बुजुर्ग और निर्दोष व्यक्ति की मौत हो गई और परिवार को अपने परिवार के एक बहुत चहेते सदस्य और समुदाय के सम्मानित सदस्यों को दुख हुआ’।