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यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देगा अमेरिका, मॉस्को को कड़ा जवाब देने की तैयारी में कीव

Russia ukraine war update: रूस-यूक्रेन वॉर के बीच कीव के लिए अच्छी खबर अमेरिका की ओर से आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से फैसला लिया गया है कि लंबी दूरी की सेना सामरिक मिसाइल प्रणाली (एटीएसीएमएस) की आपूर्ति यूक्रेन को की जाएगी। जिसके बाद रूसी सैन्य रसद को भेदने में यूक्रेन को […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Sep 24, 2023 06:54
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Russia-Ukraine War, President Joe Biden

Russia ukraine war update: रूस-यूक्रेन वॉर के बीच कीव के लिए अच्छी खबर अमेरिका की ओर से आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से फैसला लिया गया है कि लंबी दूरी की सेना सामरिक मिसाइल प्रणाली (एटीएसीएमएस) की आपूर्ति यूक्रेन को की जाएगी। जिसके बाद रूसी सैन्य रसद को भेदने में यूक्रेन को मदद मिलेगी। लंबी दूरी से भी इसको टारगेट किया जा सकेगा। रूस यूक्रेन जंग लंबे समय से चल रही है। बाइडेन ने फैसला लिया है कि व्लादिमिर जेलेंस्की को फिलहाल कम संख्या में ही हथियार मुहैया करवाए जाएंगे।

एटीएसीएमएस की डिमांड लंबे समय से यूक्रेन कर रहा है। अमेरिकी अधिकारी नहीं चाहते थे कि ये हथियार रूस के खिलाफ यूक्रेन को दिए जाएं। क्योंकि इससे तनाव और बढ़ सकता था। बताया जा रहा है कि यूक्रेन इन हथियारों को रूसी क्षेत्र में यूज नहीं कर सकेगा। लेकिन मिसाइलों को यूज किया जा सकेगा। एटीएसीएमएस की खासियत यह है कि 300 किलोमीटर यानी 190 मील दूर टारगेट को मार सकती है। इससे यूक्रेन की मारक क्षमता में काफी इजाफा होगा। जिसके बाद वह आसानी से वेपन डिपो, रेलवे या दूसरे नेटवर्क समेत छावनियों को आसानी से तबाह कर सकेगा।

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यूक्रेनी पायलट पा चुके हैं अमेरिका से ट्रेनिंग

कनाडा की यात्रा पर गए जेलेंस्की से जब पूछा गया कि क्या अमेरिका ने अपनी स्थिति बदल दी है। लेकिन जेलेंस्की ने सीधे जवाब नहीं दिया। प्रेस कांफ्रेंस में सिर्फ ये कहा कि अमेरिका से ही यूक्रेन सबसे ज्यादा वेपन खरीदता है। इसमें छोटे, बड़े, लंबी दूरी वाले और दूसरे हथियार शामिल हैं। इसमें 155 मिमि कैलिबर और वायु रक्षा प्रणाली भी शामिल है। एटीएसीएमएस के कारण यूक्रेन को जंग में काफी मदद मिलेगी।

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यूक्रेन को उसके वेस्टर्न सहयोगियों ने अब तक जो हथियार दिए हैं, उससे काफी हद तक सफलता मिली है। एटीएसीएमएस से और भी मदद मिलेगी। अभी तक जंग में सबसे हाईटेक मिसाइलें गाइडेड एंटी टैंक रही हैं, जो रूस के हमले के बाद यूक्रेन को मिली हैं। वहीं, वेस्टर्न टैंक, जमीन से हवा में मार करने वाला डिफेंस सिस्टम और एफ16 लड़ाकू विमान चलाने के लिए पायलटों को ट्रेनिंग भी उसके सहयोगी यूक्रेन को उपलब्ध करवा चुके हैं।

क्रीमिया से हो रही आपूर्ति को तोड़ना कीव का टारगेट

यूक्रेनी सेनाओं को एटीएसीएमएस फायर करने के लिए जो हिमर्स मोबाइल रॉकेट लॉन्चर दिए गए हैं, उसकी ट्रेनिंग पहले दी जा चुकी है। पिछले साल अमेरिका ने ये टेक्नीक यूक्रेन को दी थी। लेकिन यूक्रेन की ओर से कम दूरी वाले रॉकेट ही लिए गए। ठंड को देखते हुए लंबी दूरी की मिसाइलें कारगर हो सकती हैं। क्योंकि अग्रिम मोर्चों पर जंग धीमी होने की वजह से रूस यूक्रेन में अपने कब्जे वाले क्षेत्र में सुरक्षा को कड़ी करने की कोशिश करेगा। इस साल की बात करें तो गर्मियों के साथ ही यूक्रेन ने रूस को बेहद धीमी गति से जवाब दिया।

कीव का टारगेट है रूस की सीमाओं को तोड़ना। वह अजोव सागर भेदने और खेरसॉन के पास रूस की सेनाओं को अलग करने की कोशिश भी कर रहा है। क्रीमिया से हो रही आपूर्ति को रोकना भी कीव का टारगेट है। फिलहाल यूक्रेन रूस पर लंबी दूरी के ड्रोनों से अटैक कर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। वह रूस की टैंक रोधी सुरक्षा को भी चुनौती दे चुका है। अमेरिका ने हाल ही में यूक्रेन को 325 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद भी दी है।

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News24 हिंदी

First published on: Sep 24, 2023 06:43 AM
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