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Orfield Anechoic Chamber: दुनिया का सबसे शांत कमरा, इसमें 45 मिनट भी नहीं रुक सकता इंसान

Earth’s Quietest Room:

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: May 14, 2024 18:36
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Orfield Anechoic Chamber
The Quietest Place on Earth - Orfield Anechoic Chamber (www.orfieldlabs.com)

The Quietest Place on Earth : शोर से परेशान होते हुए तो आपने कई लोगों को देखा होगा। लेकिन, क्या कभी किसी को शांति से परेशान होते देखा है? जी हां, शांति भी किसी व्यक्ति के लिए उतनी ही दिक्कत पैदा कर सकती है जितना शोर-शराबा करता है। इस बात को साबित करता है अमेरिका के मिनियापोलिस में स्थित एक अनोखा कमरा, जिसे दुनिया का सबसे शांत कमरा कहा जाता है। इसके अंदर जाने वाले लोग अक्सर कान के अंदर रिंगिंग की आवाज सुनने की बात कहते हैं। और तो और कोई भी शख्स आज तक इस कमरे में 45 मिनट से ज्यादा नहीं रुक पाया है।

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अमेरिका के मिनियापोलिस में स्थित है ऑरफील्ड लैब जिसमें बनाए गए एनेकॉइक टेस्ट चैंबर (Anechoic Test Chamber)) को दुनिया की सबसे शांत जगह कहा जाता है। इस कमरे के अंदर बैकग्राउंड नॉइज का लेवल माइनस 24.9 डेसीबल है। इंसानों की सुनने की रेंज जीरो से 120 डेसीबल तक होती है। यानी कि निगेटिव डेसीबल वाली आवाज को इंसान सुन नहीं सकते। एनेकॉइक शब्द का मतलब जीरो एको (Zero Echo) होता है। इस कमरे की दीवारों और सीलिंग पर एक खास फाइबरग्लास का कोट लगाया गया है जो अंदर के साउंड को अब्जॉर्ब करने का काम करता है।

कमरे के अंदर इंसान खुद बन जाता है साउंड

इसके अलावा इस कमरे का डिजाइन कुछ ऐसा है जो बाहर से आने वाली किसी भी आवाज को पूरी तरह से बाहर ही रखता है। इस कमरे के अंदर 45 मिनट से ज्यादा कोई भी व्यक्ति नहीं गुजार पाया है। यह कमरा इतना शांत है कि आप अपने दिल की धड़कन तक साफ सुन सकते हैं। ऑरफील्ड लैब के संस्थापक स्टीवन ऑरफील्ड के अनुसार इस चैंबर के अंदर आप अपने अंगों की आवाज तक सुन सकते हैं। कमरा जितना ज्यादा शांत होता है आपको उतनी ही ज्यादा चीजें सुनाई देने लगती हैं। स्टीवन ऑरफील्ड बताते हैं कि एनेकॉइक चैंबर के अंदर आप खुद एक साउंड बन जाते हैं।

किसलिए किया गया है इस चैंबर का निर्माण?

अब आप सोच रहे होंगे कि यह चैंबर किसलिए बनाया गया। आपको बता दें कि इसका निर्माण तनावग्रस्त लोगों के इलाज के लिए नहीं किया गया था। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा अक्सर अपने एस्ट्रोनॉट्स को यहां भेजती है। वह यहां प्रैक्टिस करते हैं और अंतरिक्ष के सायलेंस के लिए खुद को तैयार करते हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग मेडिटेट करने के लिए भी यहां आते हैं। लेकिन, अनोखा एक्सपीरियंस लेने वाले अधिकतर लोगों के लिए इस कमरे के अंदर का अनुभव कुछ खास अच्छा नहीं रहता है। यह कमरा आसानी से किसी के बैलेंस और ओरिएंटेशन को प्रभावित कर सकता है।

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Gaurav Pandey

First published on: May 14, 2024 06:36 PM

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