PM Narendra Modi and Chinese President Xi Jinping Shake Hands: दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े शहर जोहान्सबर्ग में 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चल रहा है। इस सम्मेलन में गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने आए। इस दौरान चीनी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से हाथ मिलाया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। पीएम मोदी को चीनी राष्ट्रपति से बात करते हुए देखा गया, जब वे ब्रिक्स नेताओं की ब्रीफिंग के लिए जा रहे थे। इससे पहले बुधवार को प्रधान मंत्री और जिनपिंग ने ब्रिक्स सम्मेलन के सत्र में हिस्सा लिया था, लेकिन फोटोग्राफ सत्र के दौरान अलग-अलग खड़े थे।
पिछले साल इंडोनेशिया के बाली में जी-20 नेताओं के डिनर में पीएम मोदी और जिनपिंग आमने-सामने आए थे। सात महीने के बाद इसकी जानकारी दी गई थी। बताया गया था कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती देने पर बात हुई। ये दोनों नेताओं की 20वीं मुलाकात थी।
कब-कब हुई मोदी-जिनपिंग की मुलाकात
2014 में पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी। तब से पीएम मोदी की जिनपिंग से 19 बार मुलाकात हो चुकी है। 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के नजदीक गलवान घाटी में जानलेवा झड़प के बाद से मोदी और जिनपिंग के बीच मुलाकात नहीं हुई।
#WATCH जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संक्षिप्त बातचीत हुई। pic.twitter.com/XOYyoldFqs
---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 24, 2023
2014 के बाद इस तरह बिगड़े रिश्ते
पीएम मोदी ने देश की सत्ता संभालने के एक साल बाद 2015 में चीन का दौरा किया था। हालांकि इसके दो साल बाद डोकलाम में सीमा विवाद खड़ा हो गया। डोकलाम विवाद के चलते अमरनाथ यात्रियों के लिए नाथूला दर्रा बंद कर दिया। 2020 में एक मई को लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील के नॉर्थ बैंक में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। दोनों तरफ से सैनिक घायल हुए। 15 जून को फिर झड़प हुई। अगले दिन भारतीय सेना ने बयान में कहा कि 20 सैनिकों की मौत हुई। बाद एक अखबार की रिपोर्ट आई कि चीनी सैनिकों के हताहत होने की संख्या भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
बुधवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि हम दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में ब्रिक्स में ग्लोबल साउथ के देशों को विशेष महत्व देने के कदम का स्वागत करते हैं। यह सिर्फ आकांक्षा ही नहीं, बल्कि वर्तमान समय की जरूरत भी है। भारत ने भी अपनी G20 अध्यक्षता के तहत इस विषय को महत्व दिया है।
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