इजरायल को बड़ा झटका लग सकता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) में फिलिस्तीन को अलग देश बनाने का प्रस्ताव पास हो गया है। भारत ने भी इसका समर्थन किया है। दुनिया के 142 देशों ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने का समर्थन किया है। इसे इजरायल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि इजरायल और फिलिस्तीन की बीच चल रहे संघर्ष को रोकने में काफी मदद मिलेगी। अभी तक फिलिस्तीन आंशिक रूप से मान्यता प्राप्त देश है।
10 देशों ने किया विरोध
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने फिलिस्तीन समस्या के शांतिपूर्ण समाधान के लिए द्वि-राष्ट्र समाधान का समर्थन करने वाले न्यूयॉर्क घोषणापत्र को मंजूरी दे दी है। इसके लिए भारत समेत दुनिया के 142 देशों ने समर्थन में मतदान किया। 10 देशों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। इसके अलावा 12 देशों ने मतदान से दूरी बनाई। इस मामले में भारत का रुख एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीन राज्य की स्थापना का समर्थन करना है, जो मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर एक सुरक्षित इजराइल राज्य के साथ शांतिपूर्वक रह सके।
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फ्रांस के राष्ट्रपति ने शेयर की जानकारी
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक्स प्लेटफॉर्म पर यूएन कार्रवाई की जानकारी शेयर की। लिखा कि फ्रांस और सऊदी अरब के प्रोत्साहन से 142 देशों ने द्वि-राज्य समाधान के कार्यान्वयन पर न्यूयॉर्क घोषणापत्र को अपनाया है। हम सब मिलकर मध्य पूर्व में शांति की दिशा में एक अपरिवर्तनीय मार्ग तैयार कर रहे हैं। आगे लिखा कि फ्रांस, सऊदी अरब और उनके सभी सहयोगी द्वि-राष्ट्र समाधान सम्मेलन में इस शांति योजना को मूर्त रूप देने के लिए न्यूयॉर्क में मौजूद रहेंगे। स्थायी शांति के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए, मैक्रों ने आगे कहा कि एक और भविष्य संभव है।
1988 को आजाद हुआ था फिलिस्तीन
वर्तमान में फिलिस्तीन आंशिक रूप से मध्य पूर्व में मान्यता प्राप्त देश है। फिलिस्तीन लिबरेशन संगठन ने 15 नवम्बर 1988 को अल्जीरिया में नेशनल असेबंली की परिषद में फिलिस्तीन के स्वतंत्रता की घोषणा की थी। फिलिस्तीन अरब राज्यों के लीग का सदस्य है। कई देशों ने इसे मान्यता दी है। हालांकि इजरायल हमेशा से फिलिस्तीन पर अपना दावा करते आया है। फिलिस्तीन 23 नवम्बर 2011 को यूनेस्को का सदस्य बना था। 29 नवम्बर 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव अपनाया जिस पर फिलिस्तीन ने संयुक्त राष्ट्र “गैर सदस्यीय राज्य” का दर्जा हासिल कर लिया।
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