ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर खड़े हो गए थे. अमेरिकी राष्ट्रपति का बार-बार कहना है कि उन्होंने ही इन दोनों देशों के बीच के युद्ध को रुकवाया है. पाकिस्तान ने इसे स्वीकार किया लेकिन भारत ने अमेरिका के रोल से ही इनकार कर दिया. इसके बाद अमेरिका और पाकिस्तान के बीच नजदीकियां बढ़ गईं लेकिन भारत-अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए. अब पाकिस्तान ने अमेरिका को भारत द्वारा बनाए जा रहे चाबहार के नजदीक बंदरगाह बनाने का ऑफर दिया है.
असीम मुनीर के सलाहकारों ने दिया प्रस्ताव
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के सलाहकारों ने अरब सागर पर एक बंदरगाह बनाने और उसके संचालन के लिए अमेरिका के अधिकारियों से संपर्क किया है. इस योजना में अमेरिकी निवेशकों द्वारा बलूचिस्तान के ग्वादर जिले के बंदरगाह शहर पसनी में एक टर्मिनल बनाने और संचालन की बात कही गई है. ये जगह अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगा हुआ क्षेत्र है.
1.2 अरब डॉलर तक की पेशकश
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर के सलाहकारों ने अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों से इसको लेकर संपर्क किया है और 1.2 अरब डॉलर तक की पेशकश की है. जानकारी के अनुसार, अमेरिका पासनी बंदरगाह पर एक टर्मिनल का निर्माण और संचालन करेगा ताकि पाकिस्तान के महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच बना सके.
सितंबर में व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात हुई थी. इसके बाद पाकिस्तान ने अमेरिका के सामने यह प्रस्ताव रखा है. सितंबर में हुई बैठक के दौरान, शरीफ ने कथित तौर पर कृषि, टेक्नोलॉजी, खनन और ऊर्जा क्षेत्रों में अमेरिकी कंपनियों से निवेश की मांग की थी.
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बता दें कि पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह भी है, जिसकी देखरेख चीन करता है. पसनी (जहां अमेरिका को पोर्ट बनाने का प्रस्ताव दिया गया है), ग्वादर से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर मौजूद है. वहीं भारत द्वारा बनाए जा रहे चाबहार बंदरगाह से 300 किमी दूरी पर मौजूद है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका द्वारा पोर्ट बनाए जाने के बाद पाकिस्तान भू-राजनीतिक स्थिति को किस प्रकार संभालता है.