Mount Everest Height Increasing: माउंट एवरेस्ट को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी का दर्जा मिला है। मगर क्या आप जानते हैं कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई लगातार बढ़ती जा रही है। 8.84 के बाद माउंट एवरेस्ट की लंबाई बढ़कर 8.85 किलोमीटर हो गई है। आइए जानते हैं कि आखिर इसकी क्या वजह है?
भारतीय प्लेट की यूरेशिया से टक्कर
माउंट एवरेस्ट का नाम ब्रिटिश माउंटेनियर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया था। अब से लगभग 50 लाख साल पहले भारतीय उपमहाद्वीप यूरेशियन प्लेट से टकराया था, जिसके बाद माउंट एवरेस्ट अस्तित्व में आया था। तब से लेकर अभी तक माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई हर साल बढ़ती है।
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2 महानदियों का संगम
वैज्ञानिकों की मानें तो 89,000 साल पहले दो महानदियों का संगम हुआ था। इससे एवरेस्ट की ऊंचाई अचानक से काफी बढ़ गई थी। अरुण नदी कोसी में जाकर मिल गई और माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 15-50 मीटर तक बढ़ गई। वहीं शोधकर्ताओं के अनुसार माउंट एवरेस्ट हर साल 0.01-0.02 इंच बढ़ रहा है।
आइसोस्टेटिक रिबाउंड
शोधकर्ताओं का कहना है कि माउंट एवरेस्ट के बढ़ने की प्रक्रिया को आइसोस्टेटिक रिबाउंड कहा जाता है। जब कोई भारी चीज पृथ्वी से हटाई जाती है, तो उसकी सतह ऊपर उठने लगती है। ऐसे में जब कोसी नदी और अरुणा नदी का विलय हुआ, तो कोसी का बहाव तेज हो गया और उसने आसपास की चट्टानों को काटना शुरू कर दिया। इससे माउंट एवरेस्ट के आसपास की जमीन हल्की हो गई और माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई बढ़ने लगी।
स्कैंडिनेविया में मिला उदाहरण
माउंट एवरेस्ट कोसी नदी से महज 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माउंट एवरेस्ट से पहले स्कैंडिनेविया में इसका उदाहरण देखा जा सकता है। स्कैंडिनेविया के पहाड़ों पर बर्फ की मोटी परत मौजूद थी। हालांकि आईस ऐज खत्म होने के बाद जब बर्फ पिघलना शुरू हुई, तो स्कैंडिनेविया के पहाड़ भी बढ़ने लगे थे। यह प्रक्रिया आज भी जारी है। कई शोधों की मानें तो न सिर्फ माउंट एवरेस्ट बल्कि हिमालय की ऊंचाई भी बढ़ रही है। हिमालय की कई चोटियों की ऊंचाई पहले से ज्यादा हो चुकी है।
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