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इस्लामिक चैरिटी होम्स में यौन शोषण का संदेह, 400 नाबालिगों का रेस्क्यू, इस तरह हुआ भंडाफोड़

Malaysian Police Islamic Charity Homes: मलेशिया की पुलिस ने यौन शोषण से जुड़े एक बड़े मामले का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस्लामिक चैरिटी होम्स से कई नाबालिगों का रेस्क्यू किया है।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Sep 11, 2024 23:11
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Sexual Abuse
प्रतीकात्मक फोटो।

Malaysian Police Islamic Charity Homes: मलेशिया के अधिकारियों ने बुधवार को एक बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया है। अधिकारियों ने 400 से ज्यादा बच्चों और टीनेजर्स को बचाने में सफलता हासिल की है। इन बच्चों को लेकर एक प्रतिबंधित धार्मिक संप्रदाय से जुड़े चैरिटी होम्स में यौन शोषण किए जाने का संदेह था। ये चैरिटी होम्स प्रमुख इस्लामी व्यापार संगठन द्वारा संचालित हैं। शीर्ष पुलिस अधिकारी की ओर से ये जानकारी सामने आई है।

दो राज्यों में 20 ठिकानों पर की गई छापेमारी

पुलिस महानिरीक्षक रजारूद्दीन हुसैन के मुताबिक, पुलिस ने दो मलेशियाई राज्यों में 20 परिसरों पर रेड की। इस दौरान ‘उस्ताज’ या इस्लामी धार्मिक शिक्षकों सहित 171 को एडल्ट्स को गिरफ्तार किया गया। रजारूद्दीन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले का भंडाफोड़ किया। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू किए गए लोगों में 201 लड़के और 201 लड़कियां शामिल हैं। अहम बात यह है कि इनकी उम्र 1 से 17 साल के बीच है। इस पूरे मामले का पता एक FIR से लगना शुरू हुआ था। उस रिपोर्ट में दुर्व्यवहार, यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था। हालांकि उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराने वाले शख्स के नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया।

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कर्मचारियों के बच्चे थे पीड़ित 

बताया जा रहा है कि ये सभी घर ग्लोबल इखवान सर्विसेज एंड बिजनेस (GISB) की ओर से संचालित किए जा रहे थे। मलेशियाई फर्म जीआईएसबी सुपरमार्केट से लेकर लॉन्ड्रोमेट तक के कारोबार में शामिल रही है। यह फर्म इंडोनेशिया, सिंगापुर से लेकर मिस्र, सऊदी अरब, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड सहित कई देशों में काम करती है। जांच में ये भी पता चला है कि बचाए गए नाबालिग मलेशियाई जीआईएसबी कर्मचारियों के बच्चे थे। अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों के साथ वयस्क अभिभावकों ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया। बाद में उन्हें अन्य बच्चों के साथ दुष्कर्म करना भी सिखाया गया।

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हालांकि जीआईएसबी ने रिपोर्टों का खंडन किया है। कंपनी ने इस बात से इनकार किया है कि बच्चों का शोषण किया गया है। कंपनी ने कहा कि वह किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं है। वह इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है।

अल-अरकम धार्मिक संप्रदाय से जुड़ी है कंपनी

जीआईएसबी मलेशिया स्थित अल-अरकम धार्मिक संप्रदाय से जुड़ी है। जिस पर सरकार ने 1994 में बैन लगा दिया था। यह खुद को मुस्लिम प्रथाओं पर आधारित एक इस्लामी समूह बताता है। फर्म पहले भी विवादों में रह चुकी है। इससे पहले मुसलमानों में बहुविवाह के लिए प्रोत्साहित करने पर काफी बवाल हो चुका है। इसके साथ ही फर्म ने महिलाओं से ‘वेश्याओं की तरह’ अपने पतियों के साथ रहने का आह्वान किया था।

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Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Sep 11, 2024 11:09 PM

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