Wine News: शराब के शौकीनों के लिए एक चौंकाने और हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार फ्रांसीसी सरकार ने देश में अतिरिक्त शराब को नष्ट करने के लिए 200 मिलियन यूरो (17,82,29,92,656 भारतीय रुपये) आवंटित किए हैं। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब फ्रांस का वाइन उद्योग कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। बताया गया है कि क्राफ्ट बियर की बढ़ती लोकप्रियता के कारण वाइन की मांग में भारी कमी आई है।
शराब की मांग में आई भारी कमी
फ्रांस के बोर्डो और लैंगेडोक समेत प्रमुख शराब उत्पादक क्षेत्र मांग में गिरावट के कारण खर्चों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लैंगेडोक वाइन प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के जीन-फिलिप ग्रैनियर ने बताया कि हम बहुत अधिक उत्पादन कर रहे हैं और बिक्री मूल्य उत्पादन मूल्य से कम है, इसलिए हमें नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
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लोगों कम कर दिए अपने खर्चे
एएफपी के अनुसार हाल ही में फ्रांस में खाद्य और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। जानकारों का कहना है कि ये सब वैश्विक ऊर्जा की बढ़ती कीमतों और यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से जुड़ी हुई है। इससे खरीदारों ने शराब जैसे गैर-आवश्यक सामानों पर अपना खर्च कम कर दिया है।
अल्कोहल का इनमें होगा इस्तेमाल
रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार की ओर से जारी पैसों में से अधिकांश का उपयोग अतिरिक्त स्टॉक खरीदने के लिए किया जाएगा। इसके बाद वाइन से निकले अल्कोहल को सफाई उत्पादों, हैंड सैनिटाइजर, परफ्यूम जैसी वस्तुओं में उपयोग के लिए कंपनियों को बेचा जाएगा। कहा गया है कि शराब उत्पादकों को जैतून की खेती जैसे वैकल्पिकों की ओर बढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
फ्रांसीसी सरकार ने बनाया ये प्लान
सरकार की ओर से जारी इस पैसे का उद्देश्य कीमतों को गिरने से रोकना था और ताकि शराब बनाने वालों को फिर से राजस्व के स्रोत मिल सकें। हालांकि, फ्रांस के कृषि मंत्री मार्क फेसन्यू ने इस बात पर जोर दिया कि इस उद्योग के भविष्य को देखते हुए बदलाव की कोशिश की जा रही है। बताया गया है कि इस साल जून तक यूरोपीय आयोग के आंकड़े बताते हैं कि इटली में शराब की खपत 7 प्रतिशत, स्पेन में 10 प्रतिशत, फ्रांस में 15 प्रतिशत, जर्मनी में 22 प्रतिशत और पुर्तगाल में 34 प्रतिशत गिर गई है।