Houthi Rebels Attack Effect On Ships In Red Sea: इजराइल की ओर से हो रही लगातार बमबारी से गाजा की धरती समतल होती जा रही है। गाजा में अब इमारतें कम और मलबा ज्यादा है। बावजूद इसके जंग को छिड़े 70 दिन बीत जाने के बाद भी गाजा से हमास का खत्मा क्यों नहीं हो पाया है? हमास के सीनियर लीडर IDF के शिकंजे में क्यों नहीं आए? युद्ध में नुकसान एक तरफा नहीं होता और गाजा में भी यही हो रहा है, फिर भी इजराइल के सामने 5 मुख्य चुनौतियां हैं।
किस फ्रंट पर मुख्य चुनौती क्या?
- नॉर्थ फ्रंट के ऑपरेशन पर ठंड का असर पड़ रहा है।
- गाजा फ्रंट पर हमास के ठिकानों पर नियंत्रण नहीं है।
- यमन फ्रंट पर हूती विद्रोहियों के लगातार हमले हो रहे।
- लेबनान फ्रंट पर हिज्बुल्लाह से लगातार अटैक हो रहे।
- बंधकों की रिहाई के मुद्दे पर किसी प्लान पर सहमति नहीं बनी है।
Will Albo send over a warship? To help.
Houthis target ships in Red Sea,US bases in Iraq and Syria face daily attacks.
As Houthi rebels continue to target vessels in the Red Sea, the US is trying to get together a task force of international navies to escort commercial vessels. pic.twitter.com/19s0bm8uJu— redheeler (@redheeler9) December 16, 2023
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जंग की आग पहले लेबनान बॉर्डर तक पहुंची
गाजा पट्टी से शुरू हुई जंग की आग पहले लेबनान बॉर्डर तक पहुंची। अब लेबनान से दूर यमन तक हूती आतंकियों के हमले पहुंच चुके हैं। अब इजराइल के लिए हमास के खिलाफ शुरू हुई लड़ाई तीन अलग-अलग मोर्चों पर शुरू होती नजर आ रही है। उम्मीद तो यहां तक लगाई जा रही है कि हो सकता है आने वाले दिनों में यह लड़ाई जंग के कुछ और फ्रंट खोल दे। अगर ऐसा हुआ तो इस बार युद्ध नहीं विश्वयुद्ध होगा, क्योंकि ईरान के समर्थन वाला हूती संगठन पहले ही नेतन्याहू को चुनौती दे चुका था कि वह भी इजराइल के खिलाफ युद्ध में शामिल हो सकता है, इसलिए पहले हूती की तरफ से मिसाइल अटैक किया गया और फिर लाल सागर में शिप के हाईजैक होने के बाद जिस तरह से लाल सागर में अटैक हुआ है, उससे यह बात साफ होती नजर आ रही है कि हूती ने जो कहा था, वह इस रास्ते पर चलने लगा है।
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हूती के अटैक के बाद टेंशन में है पूरी दुनिया
लाल सागर में हूती विद्रोहियों के अटैक के बाद पूरी दुनिया टेंशन में है, क्योंकि हूती विद्रोहियों का दावा है कि यह जहाज इजराइली है, लेकिन इजराइल ने इससे इनकार किया है। इस पर यह सवाल उठने लगा है कि हूती विद्रोही कितने ताकतवर हैं, जो उन्होंने इजराइल जैसे शक्तिशाली देश से पंगा ले लिया। वहीं जहाज हाइजैक होने की जानकारी मिलते ही नेतन्याहू ने इसका आरोप ईरान पर लगाया। इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ईरान की ओर से हमला बताया है। उन्होंने कहा कि यह ईरान की तरफ से की गई आतंकी हरकत है। यह दुनिया पर हमले की कोशिश है। इससे दुनिया की शिपिंग लाइन भी प्रभावित होगी।
नेतन्याहू के लिए टेंशन की नई वजह हूती
क्योंकि हूती विद्रोहियों ने सिर्फ इजराइली जहाजों को निशाना नहीं बनाया, बल्कि उन्होंने ऐलान कर दिया है कि अब इजराइल की तरफ जाने वाले किसी भी जाहज को वह छोड़ेंगे नहीं, इसलिए उसने लाल सागर और अरब सागर की लाइफलाइन पर ही कब्जा करने का मन बना लिया है, इसलिए हूती की हिम्मत और मिसाइल हमले बढ़ते जा रहे हैं, क्योंकि माना जा रहा है कि हूती के सिर पर रईसी और खेमनई का हाथ है, जिसकी वजह से वह बेंजामिन नेतन्याहू के लिए टेंशन की वजह बन गए हैं।
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लाल सागर में हूती के हमलों का असर
लाल सागर में हूती के हमलों का असर यह है कि इजराइल जाने वाले जहाजों का रूट बदल दिया गया है। इजाइली पोर्ट की आमदनी 85% गिर गई है। इससे इजराइल में 3% तक महंगाई बढ़ सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब हूती ने लाल सागर और अरब सागर के मुख्य रास्ते पर कब्जा करने का प्लान बनाया है। पिछले हफ्ते भी हूती ने यमन के तट पर 2 जहाजों पर हमला किया था, जिनके बारे में हूती का दावा था कि वे इजराइल के जहाज थे, यानी साफ है कि लाल सागर में हूती घेराबंदी करता जा रहा है। जानकारों का मानना है कि हमास और हिजबुल्लाह की तरह हूती के पीछे भी ईरान है, जो हथियार देकर इजराइल के खिलाफ हूतियों को उकसा रहा है।
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इजराइल की हूतियों को सबक सिखाने की चेतावनी
उधर इजराइल ने हूती के बढ़ते हमलों के बाद उसे सबक सिखाने की चेतावनी दी है। इजराइल ने कहा है कि वह हूती का खात्मा उसी तरह से करेगा, जिस तरह से गाजा में उसने हमास के लड़ाकों को चुन-चुन कर मारा है, लेकिन अचानक हूती विद्रोहियों की बारूदी मुहिम से यह भी दिखने लगा है कि अब गाजा के बाद लाल सागर महायुद्ध का सेंटर बनता जा रहा है, क्योंकि हूती के बढ़ते हमलों से अमेरिका भी अलर्ट हो गया है। इससे पहले की बात करें तो 7 दिसंबर तक अमेरिका हूती के खिलाफ जंग नहीं चाहता था। बाइडेन ने नेतन्याहू को भी हूती पर हमला नहीं करने को कहा था, लेकिन अब हूती विद्रोहियों को लेकर हालात बदल गए हैं।