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‘जहां अच्छा सौदा मिलेगा’ भारत वहां से तेल खरीदेगा, ट्रंप के टैरिफ पर क्या बोले रूस में भारतीय राजदूत?

Trump Tariff: भारत ने रूस से सस्ते कच्चे तेल की खरीद जारी रखते हुए अमेरिका के ट्रंप टैरिफ को अनुचित बताया। भारतीय राजदूत विनय कुमार ने कहा कि भारत अपने 140 करोड़ नागरिकों की ऊर्जा सुरक्षा के लिए सस्ते और विश्वसनीय स्रोतों से ही तेल खरीदेगा।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Aug 25, 2025 07:12

India Will Buy Oil From Russia: रूस में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने अमेरिकी टैरिफ को ‘अनुचित, अव्यवहारिक और गलत’ करार देते हुए स्पष्ट कहा है कि भारत जहां से सबसे अच्छा सौदा मिलेगा, वहीं से तेल खरीदेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी प्राथमिकता 140 करोड़ लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है, और राष्ट्रीय हितों की रक्षा उसके लिए सर्वोपरि है।

अमेरिका की ट्रंप सरकार भारत पर लगातार दबाव बना रही है कि वे रूस से तेल ना खरीदे, मगर भारत अपने क्लीयर स्टैंड पर हैं कि वह तेल वहीं से लेंगे जहां सस्ता मिलेगा।

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क्या बोले भारतीय राजदूत?

रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार बताते हां कि भारत सरकार की नीति सबसे पहले राष्ट्र हितों की रक्षा करना है। बिजनेस व्यापार के अनुसार होता है। इस आधार पर जहां से भारत को तेल पर सबसे अच्छी डील मिलेगी तेल वहीं से खरीदा जाएगा। ऐसा तब हुआ है जब ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल खरीदने पर भारत के ऊपर 25% अतिरिक्त टैक्स लगाया है। इस तरह भारत पर कुल टैरिफ 50% हो गया है।

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भारतीयों की ऊर्जा को सुरक्षित रखना जरूरी

विनय कुमार बताते है कि व्यापार बाजारों के आधार पर होता है। इस तरह हमारा उद्देश्य भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा को सुरक्षित रखना है। अब भी कई देश जैसे अमेरिका और यूरोप रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं।

जयशंकर की आलोचना क्यों हुई?

अमेरिका द्वारा भारत पर बढ़ाए गए टैरिफ पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ट्रंप के फैसले पर आपत्ती जताई थी। उन्होंने भी इसे अनुचित बताया था और कहा थां कि भारत अपने लोगों के हितों को समझता है। दुनिया में भारत तीसरा सबसे बड़ा तेल आयात करने वाला देश है। रूस से साल 2022 से क्रूड ऑयल का इंपोर्ट बढ़ाया गया है।

भारत-रूस के तेल आयात पर कोई समस्या नहीं होगी

भारतीय राजदूत विनय ने आश्वासन दिया है कि भारत और रूस के तेल आयात के भुगतान में कोई परेशानी नहीं होगी। दोनों देशों के बीच राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार निपटाने का एक कार्यशील प्रणाली है। राजदूत ने कहा कि भारत का रूस को निर्यात अब भी कम है। हम ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्सटाइल और निर्माण सामग्री जैसे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाएगा।

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First published on: Aug 25, 2025 07:00 AM

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