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चीन की शह पर आखिर भारत को क्यों आंख दिखा रहा है 5 लाख आबादी वाला देश

India-Maldives Relation : भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आ गई है। मालदीव की नई सरकार ने भारत के साथ डील तोड़ने का फैसला लिया है।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Dec 15, 2023 09:47
PM Modi and Ibrahim Solih

India-Maldives Relations : हिंद महासागर में भारत का एक और पड़ोसी देश चीन की राह पर चल रहा है। सिर्फ 5 लाख आबादी वाला देश अब भारत को आंख दिखा रहा है। नई सरकार का गठन होते ही यह देश चीन के चंगुल में फंस गया और भारत से बगावत करने लगा है। पहले उसने भारतीय सैनिकों को अपनी धरती से जाने के लिए कहा और अब एक बड़ी डील तोड़ने का फैसला लिया है। इस देश का नाम है मालदीव।

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अभी मालदीव की सत्ता संभाले सिर्फ महीनाभर ही हुआ है और वह चीन की राह पर चलने लगे हैं। पूरे चुनाव प्रचार में इंडिया आउट अभियान चलाकर सत्ता तक पहुंचे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी जमीन से भारतीय सेना को वापस जाने को कह दिया है। साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के दौरे पर गए थे। उस समय भारत और मालदीव के बीच एक डील हुई थी। इस डील के तहत हाइड्रोग्राफिक सर्वे की अनुमति मिली थी। इसके तहत भारत मालदीव के जल क्षेत्र से जुड़ी चीजों का अध्ययन करता था। मालदीव की नई सरकार अब इस डील को तोड़ रही है।

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यह भी पढ़ें : मालदीव में कितने भारतीय सैनिक और क्या है उनका काम? 

हाइड्रोग्राफी डील को समाप्त करने का फैसला

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मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि नई सरकार ने 7 जून 2024 को खत्म होने वाली हाइड्रोग्राफी डील को आगे बढ़ाने का फैसला नहीं किया है। इस डील के अनुसार, अगर एक देश इस डील को खत्म करना चाहता है तो उसे डील खत्म होने से 6 महीने पहले दूसरे देश को जानकारी देनी पड़ती है। समझौते के अनुसार, अगर दोनों में से कोई देश आपत्ति नहीं जताता है तो यह डील अपने आप अगले 5 साल के लिए बढ़ जाती है।

आरोप- भारत के साथ गुप्त डील से मालदीव की संप्रभुता को पहुंचा खतरा

मालदीव की नई सरकार ने कहा कि भारत के साथ समझौता समाप्त होने के बाद वह खुद अपने देश में हाइड्रोग्राफी का कार्य करेगा और इस कार्य से जुड़ी जानकारी सिर्फ अपने ही लोगों को देगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में भारत के साथ हुई गुप्त डील की भी जांच पड़ताल की जाएगी। इस तरह की डील से मालदीव की स्वतंत्रता और संप्रभुता को काफी खतरा पहुंचा है।

First published on: Dec 15, 2023 08:23 AM

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