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नेपाल में आम चुनाव की तारीखों का ऐलान, 5 मार्च 2026 को मतदान, भारत के पड़ोसी देश में कैसे होते हैं इलेक्शन?

Nepal General Election 2025: नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की आम चुनाव 6 महीने के अंदर कराने का वादा पूरा कर रही हैं. चुनाव आयोग ने आम चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है, जिसके तहत मतदान 5 मार्च 2026 को होगा. नेपाल में Gen-Z प्रोटेस्ट के कारण केपी शर्मा ओली की सरकार का पतन होने के कारण चुनाव कराने पड़ रहे हैं.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Nov 17, 2025 10:02
nepal general election 2026
अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने 6 महीने में आम चुनाव कराने का वादा किया था.

Nepal General Election Dates: नेपाल में आम चुनाव 2026 की तारीखों का ऐलान हो गया है. Gen-Z प्रोटेस्ट और केपी शर्मा ओली सरकार के पतन के बाद बनी सुशीला खार्की की अंतरिम सरकार ने जल्द से जल्द चुनाव का वादा किया था. उनके वादे को निभाते हुए चुनाव आयोग ने आम चुनाव का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है. नेपाल की 275 सीटों वाली प्रतिनिधि सभा के चुनाव के लिए मतदान 5 मार्च 2026 को होगा. सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग चलेगी.

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कब आएगी उम्मीदवारों की लिस्ट

नेपाल निर्वाचन आयोग के अनुसार, नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 20 जनवरी 2026 को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी. 21 जनवरी को आवेदनों की जांच करने के बाद शाम 5 बजे तक उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी. 22 जनवरी को सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक किसी उम्मीदवार पर आपत्ति चुनाव आयोग को दर्ज कराई जा सकेगी. 23 की दोपहर तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकेंगे और फिर 5 बजे तक फाइनल लिस्ट जारी कर दी जाएगी.

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नेपाल में कैसे होते हैं आम चुनाव?

निवार्चन आयोग के अनुसार, जब उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी, उसी समय उम्मीदवारों को ऑफिशियल चुनाव चिह्न भी आवंटित कर दिए जाएंगे. नेपाल में आम चुनाव संविधान के अनुसार होते हैं. संविधान के अनुसार, नेपाल की प्रतिनिधि सभा में 275 सीटें हैं, जिसके 165 सदस्य प्रत्यक्ष चुनाव के आधार पर चुन लिए जाते हैं, वहीं 110 सीटें आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार तय की जाती हैं और मतगणना के बाद परिणाम घोषित होता है.

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ओली सरकार का ऐसे हुआ पतन

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को बर्खास्त किया गया था. Gen-Z प्रोटेस्ट और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के चलते उन्हें पद से हटा दिया गया था. सितंबर महीने में ओली सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया था, जिसका विरोध करने के लिए Gen-Z सड़कों पर उतरे और हिंसक विरोध प्रदर्शनक किया, जिसमें 75 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण देश में राजनीतिक अस्थिरता भी पैदा हो गई थी और माहौल तनावपूर्ण हो गया था.

हिंसक हुए युवाओं ने सरकार के मंत्रियों और नेताओं के घरों में घुसकर तोड़-फोड़ के साथ-साथ आगजनी भी की. हालातों को देखते हुए सेना ने देश का कंट्रोल अपने हाथ लिया और केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देने के कहा. बदले में नेपाल सेना ने उन्हें परिवार समेत सुरक्षित देश से निकाला. ओली सरकार के पतन के बाद 12 सितंबर को सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री बनी और युवाओं से वादा किया कि वे अगले 6 महीने के अंदर आम चुनाव कराकर नई सरकार बनाएंगी.

First published on: Nov 17, 2025 09:28 AM

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