दुनियाभर में अपनी धौंस जमाने की कोशिश में लगे अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप अपने ही घर में घिरने लगे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भारत की जमकर तारीफ की है. जॉन ने ट्रंप पर निशाना साधा है। जॉन ने अमेरिकी टैरिफ पर बात करते हुए कहा कि अमेरिकी टैरिफ पर भारत ने ज्यादातर चुप्पी साधी। कहा कि यह गुप्त कूटनीति है। जॉन ने कहा कि मुझे लगता है कि ट्रंप जैसे व्यक्ति से निपटने का यही सबसे अच्छा तरीका है। अगर आप उनके बहकावे में आ गए और उनके साथ सार्वजनिक रूप से बहस में पड़ गए, तो इससे चीजें आसान नहीं होंगी।
भारत-पाक युद्ध पर वाशिंगटन की चर्चा बताई
ट्रंप के भारत-पाक युद्ध रुकवाने में अपनी भूमिका बताने पर जॉन ने कहा कि वाशिंगटन में इस बात को लेकर काफी चिंता थी कि दो टैरिफ मुद्दों के साथ-साथ ट्रंप ने कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में शांति लाने का श्रेय लिया। यह अनुचित था।
यह भी पढ़ें: ‘मेरा धैर्य अब जवाब दे रहा है,’ पुतिन पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप, बोले- रूस से सख्ती से निपटना होगा
रूस के साथ संबंध को बताया दीर्घकालिक हित
जॉन बोल्टन ने कहा कि भारत का दीर्घकालिक हित रूस के साथ सैन्य और आर्थिक संबंधों को कम करने में है, क्योंकि रूस तेजी से चीन के साथ एक धुरी बन रहा है। पुतिन और शी जिनपिंग ने असीमित साझेदारी की बात की है। जॉन ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी बीजिंग जाते हैं और पुतिन, शी और किम जोंग उन से हाथ मिलाते हैं, तो यह वाशिंगटन के लिए एक संकेत होता है। सभी ने वे तस्वीरें देखीं।
‘सर्जियो गोर राजदूत बनने के योग्य नहीं’
अमेरिका ने हाल ही में भारत में अपना नया राजदूत सर्जियो गोर को नामित किया है। इस पर बात करते हुए जॉन ने कहा कि सर्जियो गोर भारत में अमेरिकी राजदूत बनने के योग्य नहीं हैं। कहा कि मुझे लगता है कि जब हम रूसी तेल खरीद पर गौर करते हैं, तो भारत और कई अन्य देशों ने प्रतिबंधों में ही विसंगति का फायदा उठाया। इसका उद्देश्य यूक्रेन में युद्ध के लिए धन जुटाने हेतु रूसी राजस्व को कम करना था, लेकिन वैश्विक बाजारों में रूस द्वारा तेल की बिक्री को इस तरह कम नहीं करना था।
यह भी पढ़ें: ‘यह एक गलती हो सकती है’, पोलैंड में रूसी ड्रोन हमले पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चेताया