Minister Jaishankar Responds: भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने न्यूयॉर्क में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने नाम लिए बिना अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप पर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि दोहरे मापदंड अपनाने की पॉलिसी ठीक नहीं है. विकास को खतरे में डालकर शांति और विकास को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता. आज अंतर्राष्ट्रीय शांति और वैश्विक विकास के संबंध काफी जटिल हो गए हैं. दोनों स्थितियां एक साथ बिगड़ रही हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ विकास को प्रभावित कर रही हैं.
यह भी पढ़ें: क्या युद्ध शुरू करने जा रहा है अमेरिका? रक्षा सचिव ने बुलाई सेना की इमरजेंसी बैठक
विदेश मंत्री ने अमेरिका पर लगाया आरोप
जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर का फोकस शांति, विकास, टैरिफ, गाजा संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध पर रहा. उन्होंने उपरोक्त मुद्दों पर डबल स्टैंडर्ड अपनाने का आरोप अमेरिका पर लगाया और कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय आपस में बातचीत करके और कूटनीति अपनाकर ही वैश्विक शांति स्थापित कर सकते हैं. पहले से ही वैश्चिक अर्थव्यवस्था आर्थिक रूप से कमजोर हैं, ऐसे में ऊर्जा और अन्य वस्तुओं की सप्लाई को अनिश्चित बनाने से किसी को कोई लाभ नहीं होगा, बल्कि जटिलताएं बढ़ेंगी.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के लिए फिर उमड़ा ट्रंप प्रेम, पीएम शहवाज और फील्ड मार्शल मुनीर को बताया महान
भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ का किया जिक्र
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अमेरिका ने पहले ही भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. 25 प्रतिशत टैरिफ तो इसलिए लगा दिया, क्योंकि भारत की ओर से रूस से तेल खरीदा जाता है. इसके लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन और रूस का युद्ध समाप्त कराने की कोशिश का हवाला दिया है, लेकिन इससे अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप को समझना चाहिए कि किसी भी देश के विकास को खतरे में डालकर किसी देश में शांति स्थापित करने का रास्ता नहीं बनाया जा सकता. इससे देशों का भला होने की बजाय नुकसान ही होगा.
यह भी पढ़ें: ट्रंप बने TikTok के ‘मालिक’, डील पर साइन कर बोले यह हमारे यूथ के लिए गिफ्ट
भारत को लेकर ट्रंप की नीति का किया विरोध
बता दें कि भारत ने राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का विरोध किया है. यूक्रेन संघर्ष को खत्म करने के लिए रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत पर आर्थिक दबाव डालने की नीति का विरोध किया है. भारत का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका के साथ भारत और रूस के संबंध खराब करके, भारत और रूस के संबंध खराब करके यूक्रेन का भला करना चाहते हैं. भारत भी चाहता है कि यूक्रेन में संघर्ष खत्म हो जाए, लेकिन यह बातचीत करके कूटनीति से संभव है, न कि भारत पर आर्थिक दबाव डालकर ऐसा किया जा सकता है.










