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Dalai Lama: ‘हम आजादी नहीं मांग रहे…’, दलाई लामा चीन से बातचीत के लिए तैयार

Dalai Lama: तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा कि वह तिब्बतियों की समस्याओं पर चीन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। चीनी आधिकारिक या अनौपचारिक रूप से” उनसे संपर्क करना चाहते हैं। अब चीन को भी एहसास हो गया है कि तिब्बती लोगों की भावना बहुत मजबूत है। इसलिए, तिब्बती समस्याओं से निपटने […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jul 10, 2023 14:09
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Dalai Lama, China, Tibetan
Spiritual leader Dalai Lama

Dalai Lama: तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा कि वह तिब्बतियों की समस्याओं पर चीन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। चीनी आधिकारिक या अनौपचारिक रूप से” उनसे संपर्क करना चाहते हैं। अब चीन को भी एहसास हो गया है कि तिब्बती लोगों की भावना बहुत मजबूत है। इसलिए, तिब्बती समस्याओं से निपटने के लिए वे मुझसे संपर्क करना चाहते हैं। मैं भी तैयार हूं।

दलाई लामा ने दिल्ली और लद्दाख की यात्रा पर निकलने से पहले हिमाचल के धर्मशाला में पत्रकारों से बात करते हुए यह बयान दिया। पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह चीन के साथ बातचीत फिर से शुरू करना चाहते हैं? इस सवाल के जवाब में दलाई लामा ने कहा, ‘हम आजादी नहीं मांग रहे हैं, हमने कई सालों से तय किया है कि हम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा बने रहेंगे… अब चीन बदल रहा है। चीनी , आधिकारिक या अनौपचारिक रूप से मुझसे संपर्क करना चाहते हैं।’

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दो दिन पहले मनाया अपना 88वां जन्मदिन

6 जुलाई को दलाई लामा ने अपना 88वां जन्मदिन मनाया। साथ ही अपने निवास के निकट धर्मशाला में मुख्य तिब्बती मंदिर प्रांगण का दौरा किया। समारोह के दौरान सभा को संबोधित करते हुए दलाई लामा ने कहा, ‘मैं तिब्बत में पैदा हुआ था और मेरा नाम दलाई लामा है, लेकिन तिब्बत के हित के लिए काम करने के अलावा, मैं सभी संवेदनशील प्राणियों के कल्याण के लिए काम कर रहा हूं। मैं किसी से नाराज नहीं हूं, यहां तक कि उन चीनी नेताओं से भी नहीं, जिन्होंने तिब्बत के प्रति कठोर रवैया अपनाया है। वास्तव में, चीन ऐतिहासिक रूप से एक बौद्ध देश रहा है। मैंने वहां कई मंदिरों और मठों को देखा है।

पहले भी चीन पर नरम रुख अपना चुके हैं दलाई लामा

दलाई लामा ने पहले भी कहा था कि चीन में अधिकांश लोगों को एहसास है कि वह चीन के भीतर स्वतंत्रता नहीं बल्कि सार्थक स्वायत्तता और तिब्बती बौद्ध संस्कृति के संरक्षण की मांग कर रहे हैं। पिछले साल उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की यात्रा के दौरान जम्मू में पत्रकारों से कहा था कि चीनी लोग नहीं, बल्कि कुछ चीनी कट्टरपंथी मुझे अलगाववादी मानते हैं। अब, अधिक से अधिक चीनी यह महसूस कर रहे हैं कि दलाई लामा आजादी नहीं बल्कि चीन के भीतर स्वायत्तता और तिब्बती बौद्ध संस्कृति के संरक्षण की मांग कर रहे हैं।

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First published on: Jul 08, 2023 01:53 PM

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