कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल हुआ है। अनीता आनंद को कनाडा का नया विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है। वह कनाडा देश की विदेश मंत्री नियुक्त होने वाली पहली हिंदू महिला हैं और अनीता आनंद ने धर्मग्रंथ श्रीमदभागवद्ग गीता पर हाथ रखकर पद की शपथ ली। अनीता पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने म्लानी जोली की जगह ली है, जो अब उद्योग मंत्रालय की प्रभारी होंगी।
साल 2025 की शुरुआत में जस्टिन ट्रूडो की जगह प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने राष्ट्रीय चुनाव जीते। अब वह अपनी पार्टी में कई बदलाव कर रहे हैं। नए मंत्रिमंडल से 10 से ज्यादा लोगों को बाहर कर दिया गया है। पिछले प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा नियुक्त किए गए 39 मंत्रियों की संख्या को कार्नी ने घटाकर 29 कर दिया, लेकिन कुछ प्रमुख लोगों को उन्हीं पदों पर बनाए रखा, जिनमें वित्त मंत्री फ्रेंकोइस-फिलिप शैम्पेन और डोमिनिक लेब्लांक शामिल हैं, जो अमेरिकी व्यापार को संभालते हैं।
Canada: Mark Carney unveils 38-member cabinet; Anita Anand named Foreign Affairs Minister
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— ANI Digital (@ani_digital) May 13, 2025
अनीता आनंद कौन हैं?
बता दें कि अनीता आनंद भारत देश की रहने वाली हैं। इनकी आयु 57 वर्ष है। इन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2019 में राजनीति में पहला कदम बढ़ाया। आनंद ओकविले ओंटारियो से संसद सदस्य रह चुकी हैं। कुछ सालों के अंदर उन्होंने 4 प्रमुख कैबिनेट विभागों को भी संभाला है। बता दें कि 2020 में कोविड-19 के दौरान उन्होंने सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्रालय में काम किया है। जहां उन्होंने कनाडा के वैक्सीन और हेल्थ से जुड़ी सभी चीजों का निर्देशन किया।
2021 में वह रक्षामंत्री बनीं। आनंद जब रक्षामंत्री बनीं, तब उन्होंने रूस के खिलाफ युद्ध में कनाडा की मदद की। कनाडाई सशस्त्र बलों में यौन दुराचार के मुद्दों को भी उठाया। उन्हें 2023 के बीच में एक कदम पीछे हटाते हुए ट्रेजरी बोर्ड में शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन उन्हें सितंबर 2024 में परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री के रूप में एक बार फिर से उच्च-प्रोफाइल भूमिका में रखा गया।
अनीता आनंद का भारत से क्या संबंध?
अनीता आनंद का जन्म 20 मई 1967 को केंटविले नोवा स्कोटिया में हुआ था। उनके पिता तमिल और मां पंजाबी थीं। वह भारतीय डॉक्टर थे, जो 1960 के दशक की शुरुआत में कनाडा चले गए थे। आनंद ने डलहौजी यूनिवर्सिटी, टोरंटो यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त की। बता दें कि राजनीति में आने से पहले उन्होंने येल जैसे यूनिवर्सिटी में कानून(लॉ) भी पढ़ाया। पब्लिक लाइफ में आने से पहले ही वह फाइनेंशियल रेगुलेशन और कॉर्पोरेट गवर्नेंस की विशेषज्ञ थीं।
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