Bangladesh Quota System Protest : बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है। आरक्षण के विरोध में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और उन्होंने आगजनी की। हिंसक झड़प में अबतक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 2500 से अधिक घायल हो गए। इसे लेकर शेख हसीना की सरकार ने देर रात पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया और भीड़ पर काबू करने के लिए सेना को सड़कों पर उतार दिया। साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। आइए 5 पॉइंट में समझते हैं कि क्या है पूरा मामला?
यह भी पढ़ें : पत्नियों की साड़ियां जलाकर दिखाएं नेता, Bycott India कैंपेन पर PM शेख हसीना की विपक्ष को फटकार
5 पॉइंट में समझें बांग्लादेश में हिंसक झड़प की वजह?
1. पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के बच्चों और रिश्तेदारों को नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। शेख हसीना की सरकार ने छात्रों के प्रदर्शन पर साल 2018 में आरक्षण को खत्म कर दिया था।
2. साल 2021 में हाई कोर्ट में आरक्षण वापस पाने के लिए एक याचिका दाखिल हुई। करीब तीन साल तक चली सुनवाई के बाद HC ने आरक्षण कोटा को बहाल कर दिया। अदालत के इस आदेश के बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
3. छात्रों के बढ़ते आंदोलन को देखते हुए अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी। इस पर SC ने हाई कोर्ट के आदेश को निलंबित करते हुए कहा कि वे 4 हफ्ते में आरक्षण पर फैसला देंगे।
यह भी पढ़ें : हादसे का शिकार होते-होते बची ट्रेन, 200 गज के फासले ने बचाई 300 यात्रियों की जान
4. आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर छात्रों का आंदोलन जारी है, जिससे बांग्लादेश की कानून व्यवस्था बिगड़ गई है। बस और ट्रेन सेवाएं ठप पड़ी हैं एवं स्कूल और विश्वविद्यालय भी बंद हैं। प्रदर्शनकारियों ने बसों और सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया।
5. सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया। पुलिस और सेना ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं, आंसू गैस छोड़े। इसके बाद भी छात्र पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। स्टूडेंट्स ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की तीसरी पीढ़ियों को भी आरक्षण क्यों दिया जा रहा है। उनकी मांग हैं कि योग्यता के आधार पर नौकरी मिलनी चाहिए।