Scientists Found New Black Hole : वैज्ञानिकों को एक नए और काफी बड़े ब्लैक होल का पता चला है। माना जा रहा है कि यह ब्लैक होल धरती के सबसे पास स्थित है। बता दें कि इस ब्लैक होल का पता तब चल पाया जब वैज्ञानिकों को तेजी से मूव करते स्टार दिखे जो इस तरह से खिंच रहे थे मानो वह किसी एक्सट्रीम ऑब्जेक्ट के पास हों। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ब्लैक होल अंतरिक्ष को लेकर हमारी समझ को बदल सकता है और एक नया नजरिया दे सकता है।
इस तरह के ऑब्जेक्ट की खोज वैज्ञानिक कई दशक से कर रहे थे। कहा जा रहा है कि ब्लैक होल्स को लेकर हमारी समझ में यह एक मिसिंग लिंक था। अभी तक वैज्ञानिकों को अरबों सूर्यों के द्रव्यमान वाले बहुत बड़े ब्लैक होल्स के उदाहरण ही मिल पाए थे। इसके अलावा उन्हें सोलर मास ब्लैक होल्स मिले थे जिनका आकार केवल एक सूर्य के बराबर ही हो सकता है। लेकिन वह ऐसा ब्लैक होल नहीं खोज पाए थे जो समय के साथ आकाशगंगाओं के बढ़ने के साथ मौजूद होने चाहिए।
Today’s #apod is another view of Omega Centauri, the subject of yesterday’s @NASAHubble intermediate mass black hole discovery! 📸credit: Juergen Stein https://t.co/xpRiglJDNq pic.twitter.com/2QX6w7EIR0
— Dr. Amber Straughn (she/her/hers) (@astraughnomer) July 11, 2024
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कहां है ये ब्लैक होल, कितनी दूर?
यह ब्लैक होल ‘ओमेगा सेंटौरी’ नाम के स्टार क्लस्टर में है और यह करीब 1 करोड़ सूर्यों का कलेक्शन है। किसी छोटे टेलीस्कोप से देखने पर यह स्टार क्लस्टर बाकी जैसा ही लगता है। लेकिन, नई स्टडी बताती है कि इसे लेकर एस्ट्रोनॉमर्स का संदेह सही निकला। इसकी पुष्टि हो गई है कि इस क्लस्टर में सेंट्रल ब्लैक होल है। धरती से करीब 18,000 प्रकाश वर्ष दूर ये ब्लैक होल इवॉल्यूशन की मध्यवर्ती स्टेज में फंसा लग रहा है। यह स्टेलर न सुपर मैसिव ब्लैक होल्स के बीच का लिंक है।
Black Hole Eating a Star. pic.twitter.com/tzwMLFkvw4
— Dr. P𝒂𝒏𝒅𝒂 🐼 (@sarcastic_indar) July 11, 2024
क्रांतिकारी मानी जा रही है खोज
ब्लैक होल्स को विभिन्न आकारों के हिसाब से ऑब्जर्व किया जाता रहा है। इसमें स्टेलर-मास ब्लैक होल्स से लेकर सुपरमैसिव ब्लैक होल्स होते हैं। स्टेलर मास ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य के मुकाबले 5 से 150 गुना ज्यादा हो सकता है। वहीं, सुपरमैसिव ब्लैक होल्स का द्रव्यमान सूर्य से 1 लाख गुना तक ज्यादा हो सकता है। ऐसे ब्लैक होल कुछ ही मिले हैं जिनका द्रव्यमान सूर्य की तुलना में 150 से 1 लाख गुना तक होता है। यह खोज अंतरिक्ष की दुनिया में रिवॉल्यूशनरी मानी जा रही है।
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