अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की 9 महीने बाद धरती पर सफल लैंडिंग हो गई है। 5 जून 2024 को एक हफ्ते के प्रोजेक्ट के लिए सुनीता ने अंतरिक्ष की उड़ान भरी थी, लेकिन स्पेस में तकनीकी खराबी के कारण वो वहां फंस गईं। एस्ट्रोनॉट की वापसी से दुनियाभर में खुशी का माहौल है। बता दें कि अंतरिक्ष में 9 महीने बिताना कोई आसान काम नहीं है। जीरो ग्रेविटी में कैसे कोई सर्वाइव कर सकता है, जबकि वहां तो सतह पर हर चीज उड़ती ही रहती है। ऐसे में एस्ट्रोनॉट सोते कैसे हैं ये एक बड़ा सवाल है जो लोगों के जेहन में आता है। खुद सुनीता विलियम्स ने इस बारे में एक वीडियो के जरिए बताया है और वो केबिन भी दिखाया है जिसमें वो रहती थीं।
कैसे सोती थी सुनीता विलियम्स
सुनीता ने बताया कि जब आप सोते हैं तो सिंपली बेड पर लेट जाते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में ये संभव नहीं है। क्योंकि यहां पर जीरो ग्रेविटी होने की वजह से खुले में लेटना संभव नहीं है। इसके लिए हमें स्लीपिंग बैग में लेटना होता है और फिर उसकी चेन बंद कर दी जाती है। सुनीता ने अपने सोने के तरीके को बताते हुए वीडियो बनाया और लोगों को समझाया कि वो अंतरिक्ष में कैसे सोती थीं।
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सुनीता विलियम्स ने दिखाया अपना कमरा
सुनीता ने अंतरिक्ष में अपना केबिन भी दिखाया जो उनके लिए कमरे जैसा ही था। वो उसी में सोती थीं और उसी में उनके जरूरत का सारा सामान रखा था। सुनीता ने बताया कि ये उनका छोटा सा केबिन हैं जो देखने में एक छोटे फोन बूथ के जैसा है लेकिन काफी आरामदायक है। उसमें एक स्लीपिंग बैग रखा था जिसके बारे में उन्होंने बताया की इसमें अपने आपको कवर करने से उड़ते नहीं हैं और आराम से नींद आ जाती है।
स्पेस स्टेशन में कैसे सोते हैं… सुनिए सुनीता विलियम्स ने जो बताया था
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) March 19, 2025
सुनीता के केबिन में क्या-क्या था
एस्ट्रोनॉट ने अंतरिक्ष में इस्तेमाल किया गया अपना पूरा कमरा दिखाया। उसमें एक लैपटॉप था, कुछ खिलौने थे और कप थे। इसके अलावा छोटे से केबिन में सुनीता के कपड़े भी थे और उनके काम की किताबें भी। सुनीता ने बताया कि उन्होंने इसमें अपना सारा सामान उसी तरह से सेट किया हुआ है जैसे वो अपने घर में रखती हैं। इसके अलावा उन्होंने पूरे स्पेस सेंटर की एक छोटी सी झलक दिखाई।
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