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नहाते नहीं तो अंतरिक्ष में मैनेज कैसे करते हैं एस्ट्रोनॉट! मजबूरी में जीते हैं ऐसी लाइफ

अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता तो ऐसे में सतह पर हर चीज उड़ती है। वहां पर पानी की भी कमी होती है तो फिर एस्ट्रोनॉट नहाते कैसे हैं? इस सवाल का जवाब नहीं जानते तो अब जान लें।

Author Edited By : Hema Sharma Updated: Mar 19, 2025 14:29
antariksh mein kaise nahaate hain astronauts manage hygiene in space Sunita Williams space mission
astronauts manage hygiene in space

नासा स्पेस सेंटर से 9 महीने बाद सुनीता विलियम्स की धरती वापसी पर पूरी दुनिया में जश्न मनाया जा रहा है। भारत की बेटी जो 5 जून 2024 को एक परीक्षण के लिए अंतरिक्ष में गई थीं, लेकिन स्पेस सेंटर में तकनीकी खराबी आने की वजह से 8 दिन का सफर 9 महीने में बदल गया। ऐसे में उन्होंने इतने दिन वहां कैसे मैनेज किया होगा, जबकि वहां तो गुरुत्वाकर्षण बल ना होने की वजह से हर चीज हवा में तैरती है। स्पेस में तो पीने के लिए पानी की सुविधा भी नहीं होती तो इतने दिन उन लोगों ने नहाया कैसे होगा या अपने शरीर की सफाई कैसे की होगी? ये एक बड़ा सवाल है कि एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में नहाते कैसे हैं, ब्रश कैसे करते हैं और खाना कैसे खाते हैं? आइए जानते हैं अंतरिक्ष यात्री परिवार से दूर धरती से मीलों दूर कैसी जिंदगी जीते हैं।

क्या अंतरिक्ष में नहाना संभव है?

ये तो हमने पढ़ लिया कि अंतरिक्ष में पानी की कमी होती है। ऐसे में अंतरिक्ष यात्री के पेशाब को ही रिसाइक्लिंग के माध्यम से पीने योग्य बनाया जाता है। अब पानी नहीं है तो वो लोग नहाते कैसे हैं? दरअसल वहां पर नहाने की कोई सुविधा नहीं होती, सिर्फ अलग-अलग प्रकार के टिशू पेपर होते हैं जिन्हें गीला कर शरीर की सफाई की जाती है। या यूं कहें कि नवजात शिशु की तरह बच्चे के शरीर को गीले टिशू से पोछा जाता है।

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ब्रश कैसे करते हैं और कूड़े का क्या होता है

शायद ही ऐसा कोई इंसान होगा जो ब्रश न करता हो। सभी सुबह उठकर अपने दांत साफ करते हैं और फ्रेश होते हैं। एस्ट्रोनॉट भी इस नियम को फॉलो करते हैं, लेकिन उनका तरीका धरती पर रहने वालों से थोड़ा अलग होता है। वो टूथपेस्ट इस्तेमाल करते हैं लेकिन वो स्टिकी होता है तो हवा में उड़ता नहीं है। कुल्ला करने के बजाए या एस्ट्रोनॉट टूथ पेस्ट को निगल लेते हैं या फिर टिशू पेपर की मदद से साफ करते हैं। सारा कचरा एक वैक्यूम बैग में इकट्ठा किया जाता है जिसे धरती पर आने के बाद नष्ट कर दिया जाता है।

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अंतरिक्ष में कैसे खाना खाते हैं एस्ट्रोनॉट?

जैसा कि हम जानते हैं कि अंतरिक्ष में ग्रेविटी नहीं होती ऐसे में हर चीज सतह पर उड़ती है। अंतरिक्ष यात्रियों के खाने की बात करें तो वो हर तरीके का खाना खाते हैं। नियम है कि अंतरिक्ष यात्री को एक दिन में कम से कम 2500 कैलोरी देनी होती है। इसके लिए उन्हें वेज-नॉनवेज और कैल्शियम युक्त खाना दिया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले खाने को योजना मिशन टीम की ओर से तैयार किया जाता है और अंतरिक्ष यात्री एक स्कैनर के द्वारा खुद मेन्यू चुनते हैं। उन्हें हल्का और पौष्टिक खाना दिया जाता है जो टेस्टी भी होता है। स्पेस में खाना माइक्रोवेव और कन्वेक्शन ओवन के इस्तेमाल से तैयार किया जाता है। डीहाइड्रेटेड खाने में पानी वॉटर गन से मिलाया जाता है। ISS पर मेजों और कुर्सियों वाला डाइनिंग रूम होता है जिसमें अंतरिक्ष यात्री अपने आपको जांघों और कमर से कुर्सी पर बांध लेते हैं। प्लेट पर चुंबक लगा होता है जो टेबल पर चिपक जाता है। भोजन को कांटे-चम्मच की मदद से खाया जाता है।

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First published on: Mar 19, 2025 01:04 PM

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