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कौन है अमीन उल-हक? आतंक के खिलाफ ‘एक्शन’ में गिरफ्तार, ओसामा बिन लादेन से क्या कनेक्शन?

Who Is Amin Ul Haq: पाकिस्तान सरकार की ओर से चलाए जा रहे एंटी टेरेरिज्म अभियान के तहत अल-कायदा के एक बड़े आतंकी अमीन उल हक को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि खुद कई साल तक आतंकवाद और आतंकियों को पालने वाला पाकिस्तान बीते कुछ समय से खुद इस जहर का शिकार होता दिख रहा है।

Author Edited By : Gaurav Pandey Updated: Jul 19, 2024 19:04
Amin Ul Haq And Osama Bin Laden
Amin Ul Haq And Osama Bin Laden

Pakistan Arrests Amin Ul Haq : पाकिस्तान के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान के तहत अमीन उल हक को गिरफ्तार किया है। काउंटर टेरेरिज्म अधिकारियों ने पंजाब प्रांत के गुजरात शहर में अमीन उल हक को गिरफ्तार किया। उस पर देश को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को अंजाम देने और अहम संस्थानों को निशाना बनाने के लिए साजिशें रचने का आरोप है। इस रिपोर्ट में जानिए अमीन उल हक कौन है और कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन से उसका क्या कनेक्शन है।

इसे लेकर पंजाब प्रांत के काउंटर टेरेरिज्म विभाग ने कहा कि अमीन उल हक की गिरफ्तारी देश और दुनिया में चल रही आतंक के खिलाफ जंग में एक बहुत बड़ी जीत है। विभाग के प्रमुख उस्मान अकरम ने कहा कि अमीन को अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और संयुक्त राष्ट्र ने अल कायदा और ओसामा बिन लादेन के सहयोगी के रूप में लिस्ट कर रखा था। अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों की वापसी के बाद वह फिर से एक्टिव हुआ था। वह अगस्त में अफगानिस्तान गया था जहां उसने अल-कायदा को फिर से संगठित करने का काम शुरू किया था।

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ओसामा से अमीन का क्या कनेक्शन है?

बता दें कि नाटो के समर्थन के साथ अमेरिकी सेना ने साल 2001 में अफगानिस्तान से तालिबान की सत्ता को खत्म कर दिया था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि उन्होंने अमेरिका में हुए 9/11 हमलों के लिए जिम्मेदार अल कायदा के आतंकियों को अमेरिका के हवाले करने से इनकार किया था। बाद में पता चला था कि लादेन पाकिस्तान में रह रहा था। इसके बाद साल 2011 में अमेरिकी सेना के एक ऑपरेशन में लादेन को पाकिस्तान में ही मार गिराया गया था। अमीन उल हक को ओसामा बिन लादेन के सबसे करीबी लोगों में माना जाता था।

पाकिस्तान-अफगानिस्तान में बढ़ा तनाव

साल 2021 में तालिबान ने एक बार फिर अफगानिस्तान की सत्ता पर नियंत्रण हासिल कर लिया था। इसके बाद से ही बॉर्डर पर उग्रवाद तेज हुआ है। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान के लीडर उन आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने में नाकाम रह रहे हैं जो पाकिस्तान में हमले करने की साजिशें कर रहे हैं। इस मामले को लेकर इस्लामाबाद और काबुल के रिश्ते बीते कुछ साल से काफी तनावपूर्ण हुए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ऐलान कर चुके हैं कि हिंसा पर नियंत्रण पाने के लिए व्यापक सैन्य अभियान चलाया जाएगा।

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First published on: Jul 19, 2024 07:04 PM

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