अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र (UN) की भूमिका पर सवाल उठाते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अब अमेरिका ही असली संयुक्त राष्ट्र है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पहले भी 7 युद्ध रुकवा चुका है और अब वो 8वां युद्ध खत्म करवाने जा रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल वॉर को रुकवाने में यूएन की कोई खास भूमिका नहीं रही है. ऐसे में ये सवाल उठता है कि यूएन किस तरीके से जंग को रुकवा सकता है, आइए सबसे पहले समझते हैं कि यूएन आखिर क्या है?
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संयुक्त राष्ट्र क्या है?
UN (संयुक्त राष्ट्र) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 1945 में दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद विश्व शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए की गई थी. ये दुनिया के 193 सदस्य देशों का एक मंच है, जहां वो ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा करते हैं और मिलकर समाधान निकालते हैं. यूएन का लक्ष्य देशों के बीच मित्रता बनाए रखना, सामाजिक विकास और ह्यूमन राइट्स को बढ़ावा देना है. यूएन युद्ध विराम की निगरानी, नागरिकों की सुरक्षा और शांति समझौतों का समर्थन करता है. ये शरणार्थियों के लिए खाना, दवाई और राहत सामग्री भी मुहैया करवाता है.
युद्ध रुकवाने में कितना सक्षम है यूएन?
संयुक्त राष्ट्र युद्ध को रोकने के लिए सैन्य हस्तक्षेप की इजाजत दे सकता है, लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी मुश्किल होगी. इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की मंजूरी भी जरूरी होती है. संयुक्त राष्ट्र चार्टर के चैप्टर VII के मुताबिक अगर युद्ध रोकने का कोई आसान तरीका नहीं निकलता है और उससे इंटरनेशनल सिक्योरिटी और शांति पर खतरा मंडरा रहा है, तो UNSC मिलिट्री फोर्स का इस्तेमाल करने का फैसला कर सकता है. यूएन के पास अपनी कोई स्थायी सेना नहीं है इसीलिए अगर वो युद्ध रुकवाने के लिए सेना भेजता है तो इसमें सदस्य देश अपनी इच्छा से मदद कर सकते हैं.
वीटो पावर का क्या है रोल?
बॉर्डर सिक्योरिटी काउंसिल के पांच स्थायी सदस्य हैं- अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम. इन सभी के पास वीटो पावर है. अगर इनमें से कोई भी देश मिलिट्री फोर्स हस्तक्षेप के खिलाफ अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल करता है, तो यूएन युद्ध रुकवाने के लिए सेना नहीं भेज पाएगा. भले ही संयुक्त राष्ट्र सैन्य हस्तक्षेप करने में सीमित है लेकिन बाकी तरीकों से शांति बनाए रखने में उसका खास रोल है.
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