---विज्ञापन---

गजब! कैंसर से जूझ रहे शरणार्थी की 10 हजार करोड़ की लगी लॉटरी, चंदा लेकर खरीदा था टिकट

$1.3 Billion Powerball Jackpot Winner Cheng Charlie Saifan Story: क्या होगा अगर कोई गरीब आदमी एकदम से अरबपति बन जाए। ऐसे ही एक अप्रवासी की कहानी आपको बताने जा रहे हैं। जिसने चंदा लेकर टिकट खरीदा था। लेकिन बाद में उसको हजारों करोड़ की लॉटरी लगी। हैरानी की बात है यह अप्रवासी व्यक्ति कैंसर की गंभीर बीमारी से भी जूझ रहा है। लेकिन अब अच्छे पैसे का मालिक बन चुका है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Apr 30, 2024 15:03
Share :
laos
लॉटरी विनर चेंग चार्ली सैफान।

US News: आपको एक रोचक खबर से रूबरू करवा रहे हैं। इस बार 1.3 बिलियन डॉलर पॉवरबॉल जैकपॉट के विजेता एक अप्रवासी लाओस निवासी बने हैं। जो 8 साल से कैंसर का दंश झेल रहे हैं। पिछले सप्ताह ही उनकी कीमोथैरेपी हुई है। 46 वर्षीय पोर्टलैंड निवासी चेंग चार्ली सैफान ने ये जानकारी ओरेगॉन लॉटरी की ओर से करवाई गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि वे और उनकी 37 साल की वाइफ डुआनपेन आधा पैसा ले रहे हैं, बाकी राशि एक दोस्त को देंगे। मिल्वौकी के पोर्टलैंड की रहने वालीं 55 साल की लाइजा चाओ ने उनके साथ टिकट खरीदने को लेकर 100 डॉलर का भुगतान किया था।

यह भी पढ़ें: MDH और Everest के मसालों पर क्यों बढ़ा संकट? सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग के बाद US में भी जांच शुरू

अब वे लोग सभी कर चुकाने के बाद 422 मिलियन डॉलर के मालिक होंगे। अब वे अपने परिवार के लिए अच्छे डॉक्टर की तलाश कर सकते हैं। वे परिजनों के अच्छे स्वास्थ्य और देखभाल के लिए सक्षम हो चुके हैं। सैफान के दो बच्चे हैं, जिसमें से एक को कैंसर है। अब वे सोच रहे हैं कि सारा पैसा खर्च करने के लिए समय कहां से निकाल पाएंगे। अब ये भी चिंता है कि कितने समय तक जीवित रह सकेंगे। चाओ ने सैफान को टिकटों की तस्वीर भेज कहा था कि वे अब अरबपति हैं। जिसको उन्होंने मजाक के तौर पर लिया। लेकिन एक दिन बाद वे जीत गए। चाओ काम पर जा रही थीं कि सैफान ने उसी वक्त फोन कर कहा कि अब काम करने की जरूरत नहीं है। उनका जन्म लाओस में हुआ था।

इयू मियां की परंपरा में आए नजर, जंग में की अमेरिका की मदद

प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी वे अपने पारंपरिक इयू मियां की तरह दिखे। जो दक्षिण चीन में दक्षिण पूर्व एशियाई समूह कहलाता है। वे मूल रूप से किसान थे और वियतनाम जंग में अमेरिका के मददगार रहे। बाद में वहां प्रतिशोध से बचने के लिए थाईलैंड भागे और बाद में अमेरिका आकर बस गए थे। अब पोर्टलैंड में उनके समुदाय के हजारों लोग रहते हैं। 1996 में उन्होंने स्नातक पास की। अब ये लोग यहां वेस्ट तट पर रहते हैं। बाद में मशीनिस्ट के तौर पर काम शुरू किया था। कुछ हफ्तों पहले उन्होंने कागज के टुकड़ों पर खेल के नंबर लिखे थे। बाद में तकिये के नीचे रखकर सो गए। सोचा था कि विजेता बनेंगे और बने भी। टिकट उन्होंने अप्रैल की शुरुआत में पोर्टलैंड के एक प्लेड पेंट्री स्टोर से लिया था। लॉटरी जीतने वाले को कंपनी पहले पहचान के लिए कई सुरक्षा और जांच प्रक्रियाओं से निकालती है।

 

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Apr 30, 2024 02:51 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें