Maulana Sajid Rashidi Profile: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी करने वाले मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है। लखनऊ पुलिस थाने में समाजवादी पार्टी की ओर से शिकायत देकर मौलाना के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। साथ ही मौलाना को गिरफ्तार करके कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है। वहीं सांसद के खिलाफ टिप्पणी के विरोध में आज संसद भवन के मकर द्वार पर NDA के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। NDA-BJP ने टिप्पणी को महिला सांसद का अपमान बताया है।
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कौन हैं मौलाना साजिद रशीदी?
बता दें कि मौलाना साजिद रशीदी धार्मिक रूप से प्रभावशाली, लेकिन विवादास्पद व्यक्ति हैं। उनके बयान अक्सर धार्मिक और राजनीतिक बहस को जन्म देते हैं। मौलाना साजिद रशीदी भारत में मस्जिदों के इमामों के संगठन ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। वह अकसर अपने धार्मिक और सामाजिक बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं।
उनके कई बयानों पर विवाद हो चुके हैं। धार्मिक विद्वान होने के नाते वे TV डिबेट्स में भी नजर आते हैं। उनके बयान धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर फोकस होते हैं। मौलाना एक ऐसे धार्मिक नेता के रूप में जाने जाते हैं, जो मुस्लिम समुदाय को मुख्यधारा में लाने की बात करते हैं, लेकिन उनके कुछ बयानों ने हिंदू-मुस्लिम तनाव को भी बढ़ावा दिया है।
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दिल्ली चुनाव BJP को दिया था वोट
मौलाना साजिद रशीदी वही शख्स हैं, जिन्होंने फरवरी 2025 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP को वोट दिया था। ऐसा करने के पीछे तर्क देते हुए उन्होंने कहा था कि BJP को वोट देने का उनका मकसद मुस्लिम समुदाय में BJP को लेकर जो डर है, उसे खत्म करना है। मुस्लिम समुदाय की उस धारणा को तोड़ना है कि मुस्लिम BJP को वोट नहीं देते हैं। इस बयान के बाद उन्हें धमकियां मिली थीं और कुछ लोगों ने उन पर BJP के हाथों बिकने का आरोप भी लगाया था, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया था कि उनका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को राजनीतिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।
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मौलाना साजिद रशीदी द्वारा दिए गए बयान
मौलाना साजिद रशीदी ने वक्फ संशोधन कानून 2025 का समर्थन किया था और कानून को देशहित में बताया था। कानून को लेकर उन्होंने कहा है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने की दिशा में क्रांतिकारी कदम है। वहीं कानून का विरोध करने वाले लोग दंगे भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। मौलाना रशीदी ने पहलगाम आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की हरकतों के कारण भारत के मुस्लिम बदनाम हो रहे हैं। पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए जरूरत पड़ी तो इमाम सीमा पर जाकर लड़ने को तैयार हैं।
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मौलाना साजिद रशीदी के विवादित बयान
साल 2023 में सोमनाथ मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने दावा किया था कि महमूद गजनवी ने सोमनाथ मंदिर तोड़कर सही किया, क्योंकि वहां कथित तौर पर गलत काम (जैसे लड़कियों को गायब करना) हो रहे थे। इस बयान पर आपत्ति जताते हुए सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट ने उनके खिलाफ FIR दर्ज की थी, जिसके बाद मौलाना ने माफी मांगी और कहा कि उनका इरादा भावनाएं आहत करना नहीं था।
अक्टूबर 2024 में एक डिबेट में उन्होंने कहा था कि हिंदू जिसे देवी कहते हैं, उसी का रेप करते हैं, जिसके बाद गाजियाबाद के BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस बयान को हिंदुओं की भावनाएं आहत करने वाला बताया गया था।
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साल 2022 में नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के बाद मौलाना रशीदी ने उनके खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया था, लेकिन एक TV डिबेट में भड़काऊ बयानों के लिए सबूत मांगे जाने पर वे शो छोड़कर चले गए थे।
20 जुलाई 2025 को मौलाना रशीदी ने एक और बयान दिया था, जिसमें उन्होंने मुआवजे और इंसाफ को लेकर टिप्पणी की थी, जिसे कुछ लोगों ने विवादास्पद माना। उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि जिस बाप को दिनदहाड़े काट दिया गया, उसी के बेटे से यह मौलाना कहता है कि मुआवजा तो ले लिया, अब इंसाफ क्यों चाहिए? इस बयान की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हुई थी।